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CG : हाथियों ने 3 भाइयों पर किया हमला… एक की मौत, 2 लोगों ने भागकर बचाई जान… कटहल खाने गांव पहुंच रहे गजराज…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। जशपुर जिले में हाथियों ने 3 भाइयों पर हमला कर दिया। हाथियों ने एक भाई को सूंड से उठाकर पटक दिया और कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। 2 भाइयों ने भागकर जान बचाई। हाथी गांव में कटहल खाने घुसे थे। कटहल तोड़ने की आवाज सुनकर तीनों भाई अनजाने में हाथियों के नजदीक पहुंच गए। 3 दिन पहले भी जिले में हाथियों ने एक महिला को कुचलकर मार डाला था और उसके घर को तोड़ दिया था। वन विभाग ने हाथियों की मौजूदगी वाले स्थानों से लोगों को दूर रहने मुनादी कराई गई है।

मिली जानकारी के अनुसार कुनकुरी वन परिक्षेत्र के खारीझरिया गांव में बीती रात हाथियों का दल घुस गया। घर में सो रहा अनुज राम (25 वर्ष) रात 11.30 बजे घर से कुछ दूर पर पेड़ से कटहल व पत्ते तोड़ने की आवाज सुनकर उठा। दो भाइयों के साथ टार्च लेकर वे कटहल पेड़ के पास पहुच गए। अंधेरे में कटहल पेड़ की आड़ में खड़े हाथियों को तीनों भाई नहीं देख सके और अनजाने में हाथियों के नजदीक पहुंच गए। तीन भाइयों को देखकर हाथियों ने हमला कर दिया। जान बचाने के लिए तीनों भाइयों ने भागने का प्रयास किया। भाग रहे अनुज राम को एक हाथी ने सूंड में लपेट लिया और उसे जमीन में पटक कर पैरों से कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 

हाथियों को गांव से खदेड़ा गया 
अनुज के दोनों भाई भाग निकलने में कामयाब रहे। घटना की सूचना पर हाथियों को खदेड़ने के लिए पहुंची वन विभाग की टीम की गाड़ी रास्ते में बारिश के कारण खराब हो गई और सड़क में ही फंस गई। देर रात ग्रामीणों की मदद से वाहन को निकाल लिया गया। वनविभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से हाथियों को गांव के बाहर खदेड़ दिया। डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर वन अमला गांव पहुंचा और मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता राशि 25 हजार रुपये का चेक दिया गया है।

एक सप्ताह में दूसरी घटना
जशपुर जिले में हाथियों का आतंक थम नहीं रहा है। 1 जुलाई को दुलदुला रेंज में हाथियों ने एक ग्रामीण महिला को कुचल कर मार दिया था वन विभाग का कहना है कि खारीझरिया के जंगल में 20 और पूरे जिले में इस समय 45-50 हाथी जमे हुए हैं। हाथियों का लोकेशन शेयर कर ग्रामीणों से जंगल की ओर न जाने की अपील की जा रही है। छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर हाथियों की आवाजाही बनी हुई है।

कटहल खाने गांव में घुस रहे हाथी
बता दें कि जशपुर जिले में कटहल की खेती अधिक मात्रा में होती है। यहां से कटहल बनारस, इलाहाबाद एवं अन्य शहरों में भेजा जाता है, जिसकी अच्छी कीमत मिलती है। अब कटहल तेजी से पक रहे हैं, जिसकी खुशबू दूर तक जाती है। हाथी कटहल खाने गांव में घुस रहे हैं। वन विभाग लगातार ग्रामीणों से कटहल को तोड़कर फेंकने की अपील कर रहा है, लेकिन गांव में कटहल के पेड़ अब भी फलों से लदे हुए हैं।

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