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CG : सस्ता चना बांटने के मामले में बड़ा घपला… नागरिक आपूर्ति निगम ने 35 KM दूर दुकान पर डंप कराया राशन…

इम्पैक्ट डेस्क.

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हितग्रहियों को मिलने वाले सस्ते चना बांटने के मामले में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसमें विशेष जनजाति के बैगा आदिवासियों को दिए जाने वाले चने को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। बैगा बाहुल्य करंगरा और बांनघाट पीढ़ा गांव में बांटे जाने वाला चना नागरिक आपूर्ति निगम ने राशन दुकान से 35 किलोमीटर दूर धनौली गांव के राशन दुकान में डंप करवा दिया।


गांव के बैगा हितग्राहियों का कहना है कि राशन दुकान संचालक कहता है कि सरकार ने उनके लिए राशन में मिलने वाला चना नहीं भेजा है। वहीं, कुछ हितग्राहियों के राशन कार्ड में चने की एंट्री तो दुकान संचालक ने कर दी, लेकिन हितग्राहियों को चना पिछले दो-तीन महीनों से नहीं दिया। वहीं मामले में अब नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक जांच के लिए लिखित शिकायत का इंतजार कर रहे है।

दरअसल, गौरेला विकासखंड में नागरिक आपूर्ति निगम, निगम के परिवहनकर्ता एवं राशन दुकानदारों की सांठगांठ में चने का गड़बड़झाला चल रहा है, यहां सरकारी चने को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में खाली न करा कर अन्य दुकानों में खाली करा दिया गया। गौरेला के विशेष जनजाति के बैगा बाहुल्य ग्राम करंगरा और बानघाट-पीढ़ा का लगभग 10 क्विंटल चना धनौली गांव की राशन दुकान में खाली करा लिया गया।

धनौली से करंगरा गांव के राशन दुकान की दूरी कम से कम पांच किलोमीटर है जबकि धनौली के राशन दुकान से बानघाट पीड़ा गांव की दूरी लगभग 30 किलोमीटर से अधिक है, इतना ही नहीं बानघाट और धनौली दोनों गांव विपरीत दिशा में है ऐसे में बानघाट का सरकारी चना धनौली में खाली होना एक बड़े गड़बड़ झाले की ओर इशारा करता है। 

अगर चना वितरण की बात करें तो कई बैगा उपभोक्ताओं को पिछले दो से तीन माह से चना मिला ही नहीं। दुकानदार उनसे कह रहे हैं कि सरकार ने चना नहीं भेजा है तो भोले भाले बैगा आदिवासी राशन दुकान संचालक की बात मान कर चुपचाप चले गए। अब सेवा सहकारी समिति की अफसरशाही भी देख लीजिए। धनौली के अंतर्गत आने वाला करंगरा राशन दुकान जिसमें सहकारी समिति का कर्मचारी विक्रेता के रूप में पदस्थ है, जिसे इसका वेतन भी दिया जाता है। 

नियमानुसार विक्रेता को खुद सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान में उपस्थित होकर राशन वितरण करना है पर अनाधिकृत रूप से अपने छोटे भाई को राशन दुकान भेजकर राशन वितरण करा रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वेयरहाउस नागरिक आपूर्ति निगम,  सहकारी समिति या स्व सहायता समूह , सब मिलकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली का काम करते हैं, नागरिक आपूर्ति निगम की जिम्मेदारी है कि वह वेयरहाउस कारपोरेशन के गोदामों से राशन परिवहन कराकर संबंधित राशन दुकान तक पहुंचाएं पर नगर निगम की ही पूरे मामले में भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।

क्योंकि वेयरहाउस से सरकारी चना परिवहन कर परिवहनकर्ता ने बीते एक तारीख से आज दिनांक तक संबंधित राशन दुकान में चना नहीं पहुंचाया बल्कि नियमों को ताक में रखकर 25 किलोमीटर दूर धनोली में चना खाली कराया , मामले पर जब नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया,  जिला प्रबंधक को पूरे मामले की लिखित शिकायत का इंतजार है बिना लिखित शिकायत के जिला प्रबंधक किसी भी प्रकार की कार्यवाही से साफ इनकार कर दिया।

प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम में घोटाला कोई नई बात नहीं है पहले भी घोटाले सामने आए हैं जिसमें चावल का बड़ा घोटाला किया गया पर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में गरीब बैगा आदिवासियों किसने को जिस तरह नागरिक आपूर्ति निगम खुद गुण बनकर आ रहा है यह पूरे सिस्टम के लिए चिंता की बात है।

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