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CG : पटवारियों पर प्रशासन का एक्शन… धरना स्थल से उखाड़े पंडाल… घरों के बाहर नोटिस चस्पा, 15 मई से हैं हड़ताल पर…

इम्पैक्ट डेस्क

छत्तीसगढ़ में चल रही पटवारियों की हड़ताल को लेकर सरकार के बाद अब प्रशासन भी एक्शन में मूड में आ गया है। कबीरधाम में पटवारियों के धरना स्थल पर लगा पंडाल प्रशासन ने सोमवार के उखड़वा दिया। इसके अलावा उनके घरों के बाहर नोटिस चस्पा कर काम पर लौटने को कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। पटवारी 15 मई से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इसके बाद सरकार ने 7 जून को एस्मा लगा दिया है। यह तीन महीने तक प्रभावी रहेगा।

सुबह से प्रदर्शन कर रहे पटवारी
राज्य सरकार के आदेश के बाद भी जिले के 100 से भी ज्यादा पटवारियों की हड़ताल सोमवार को भी जारी रही। पटवारी बड़ी संख्या में सुबह से ही राजीव गांधी पार्क स्थित धरना स्थल पर एकत्र थे और प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच दोपहर करीब एक बजे प्रशासन की टीम पहुंची और पटवारियों के लगाए पंडाल को पार्क से हटवा दिया गया। इसके चलते पटवारियों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं घरों के बाहर नोटिस लगाए जाने से भी पटवारी भड़के हुए हैं। उनमें नाराजगी है। 

जिले के पटवारियों का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती हड़ताल पर रहेंगे। इनकी आठ सूत्रीय मांगे हैं। 

  • वेतन विसंगति को दूर कर वेतन में बढ़ोत्तरी की जाए। 
  • वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन किया जाए. राजस्व निरीक्षक के कुल पदों मे 50% पर पटवारियों के वरिष्ठता के आधार पर और 50% पदों पर विभागीय परीक्षा के आधार पर प्रमोशन किया जाए. साथ ही 5 वर्ष पूर्ण कर चुके पटवारियों को राजस्व निरीक्षक का प्रशिक्षण दिलाया जाए। 
  • संसाधन और भत्ते की मांग। 
  • स्टेशनरी भत्ते की मांग। 
  • अतिरिक्त प्रभार के हल्के का भत्ता की मांग। 
  • पटवारी भर्ती के लिए योग्यता स्नातक करने की मांग। 
  • मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त की जाए। 
  • बिना विभागीय जांच के एफआईआर दर्ज ना किया जाए। 

राजस्व मंत्री ने मांगे पूरी करने का दिया था आश्वासन
जिलालाध्यक्ष पालेश्वर सिंह ठाकुर के बताया कि सभी पटवारी साथी प्रतिदिन धरना स्थल पर शत प्रतिशत उपस्थित हो रहे हैं। यही पुरानी मांगो को लेकर वर्ष 2020 में भी 15 दिन की हड़ताल की गई थी। तब हड़ताल राजस्व मंत्री के आश्वासन बाद स्थगित की गई थी, लेकिन, अभी तक मांग पूरी नहीं की गई। यही कारण है कि सभी पटवारी हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। जब तक मांगो को सरकार पूरा नहीं करती तब तक मैदान में डटे रहेंगे। इस हड़ताल से जिले में करीब 800 से अधिक प्रकरण पेंडिंग हो गए हैं। 

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