इंद्रावती के पानी की तासीर ही कुछ ऐसी है कि… जान पर खेलकर जान बचाते हैं बस्तर के मीडियाकर्मी…
यह पहला मामला नहीं… इससे पहले भी जानपर खेलकर जान बचाई है बस्तर के पत्रकारों ने… त्वरित टिप्पणी /सुरेश महापात्र। बस्तर में पत्रकारिता हमेशा तलवार की धार पर होती है। थोड़ी सी चूक हुई तो या मौत मिलती है या जेल…। पर यहां के पत्रकारों का जज्बा ही कुछ ऐसा है कि वे खबर से पहले जान को महत्व देते रहे हैं। बीजापुर में आरक्षक संतोष की सुरक्षित रिहाई कोई पहली घटना नहीं है। संतोष के मामले में बीजापुर के पत्रकार गणेश मिश्रा, पी रंजन दास और चेतन कॉपेवार ने
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