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महीनेभर से ज्यादा समय से मंत्रालय में बिना विभाग के बैठे ब्यूरोक्रेट

भोपाल

विधानसभा चुनाव में भारी बहुमतों से चुनाव जीतने के बाद प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनी। लेकिन नई सरकार में इस बार राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर काफी बदलाव देखने को मिले हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव की नई कैबिनेट के सभी मंत्रियों को तो विभाग मिल गए लेकिन नई सरकार के आने के बाद जिलों से लेकर मंत्रालय तक हुए प्रशासनिक फेरबदल में हटाए गए कई आईएएस और आईपीएस अफसरों को अब तक नई पोस्टिंग नहीं दी गई है। कई अफसर तो ऐसे हैं जो एक महीने से अधिक समय से पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं।

बिना विभाग के प्रमुख सचिव
मंत्रालय में सबसे पहले हुए बड़े प्रशासनिक फेरबदल में पंद्रह दिसंबर को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और लोक सेवा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव पद से 1994 बैच के वरिष्ठ आईएएस मनीष रस्तोगी को हटाकर मंत्रालय में बिना विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया था। एक महीने चार दिन बाद भी उनकी किसी विभाग में पोस्टिंग नहीं की गई है। इसके बाद 19 दिसंबर को जनसंपर्क आयुक्त, एमडी माध्यम और एमडी  मेट्रो रेल कारपोरेशन भोपाल  के पद से हटाये गए 2009 बैच के आईएएस मनीष सिंह को भी बिना विभाग के अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन बनाया गया था। उनकी नई पोस्टिंग अब तक नहीं की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उपसचिव रहे 2013 बैच के आईएएस नीरज वशिष्ठ को 21 दिसंबर को पद से हटाकर बिना विभाग का उपसचिव बनाया गया था। वे भी अब तक कोई नई पोस्टिंग नहीं पा सके  हैं।

लोकसभा चुनाव के समय कौन होगा सीएस
मध्यप्रदेश में मई में लोकसभा चुनाव होने है और वर्तमान मुख्यसचिव वीरा राणा मार्च 2024 में सेवानिवृत्त हो रही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले ही उन्हें छह माह का एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव भेजना होगा या फिर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर केन्द्रीय रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्रालय में सचिव के पद पदस्थ 1989 बैच के आईएएस अनुराग जैन को मुख्य सचिव बनाने के लिए केन्द्र से उन्हें मध्यप्रदेश वापस भेजने के लिए मंजूरी लेना होगा। हालाकि अनुराग जैन कह चुके हैं कि मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव पद पर आने के लिए उनकी असहमति का सवाल ही नहीं होता। केन्द्र सरकार छोड़े और राज्य सरकार बुलाने का प्रस्ताव भेजे तो वे इसके लिए तैयार है।

बंदोपाध्याय को कर्मचारी चयन मंडल भेजा
विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले इकबाल सिंह बैंस के बाद प्रभारी मुख्य सचिव बनाई गई 1988 बैच की आईएएस वीरा राणा को अब पूर्ण रुप से मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दी गई है वहीं बैच में उनसे सीनियर आईएएस संजय बंदोपाध्याय को केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से वापसी के बाद अध्यक्ष कर्मचारी चयन मंडल मध्यप्रदेश बनाया गया है।

तरुण राठी, सौरव सुमन और किशोर कान्याल को काम का इंतजार
गुना बस हादसे के बाद परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त को तो नई पोस्टिंग दे दी गई लेकिन 28 दिसंबर को गुना कलेक्टर के पद से हटाकर मंत्रालय में बिना विभाग के अपर सचिव बनाए गए तरुण राठी को अब तक कोई पोस्टिंग नहीं दी गई है। हिट एंड रन मामले में हड़ताल कर रहे वाहन चालकों  को समझाने के लिए बुलाई गई बैठक में ड्राइवर से अभद्र व्यवहार के चलते शाजापुर कलेक्टर के पद से हटाए गए किशोर कान्याल को भी नई पोस्टिग का इंतजार है। उन्हें हटे हुए 22 दिन हो चुके हैं। जबलपुर में राज्य भंडार गृह निगम में हुई गड़बड़ियों के बाद जबलपुर कलेक्टर के पद से सौरव सुमन को 4 जनवरी को हटाकर मंत्रालय में अपर सचिव बनाया गया था लेकिन अब तक नई पोस्टिंग नहीं दी गई है। इसी तरह आरआरएस परिहार डीआईजी जबलपुर के पद से हटे थे उन्हें कहीं पोस्टिंग नहीं दी गई है।

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