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आसमान से फिर बरसे बम : डीकेएसजेडसी प्रवक्ता विकल्प ने ड्रोन हमले का लगाया आरोप… 50 से ज्यादा ठीकानों पर बमबारी बताते जारी की तस्वीरें, घटना की निंदा करते विरोध की अपील…
बीते साल भी हवाई हमले का आरोप लगाते सबूत के रूप में पेश किए थे क्षतिग्रस्त दो ड्रोन…

इंपैक्ट डेस्क.

बीजापुर। सुकमा-बीजापुर के सरहदी सघन वन क्षेत्र में माओवादियों के जत्थे को निशाना बनाते हुए एक बार फिर डोन से बमबारी करने का आरोप माओवादियों की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने लगाया है। इस संदर्भ में माओवादियों के डीकेएसजेडसी प्रवक्ता विकल्प ने मीडिया को विज्ञप्ति भेजी है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि 14-15 अप्रैल की दरम्यानी रात सुकमा-बीजापुर के सरहदी गांव बोट्टेम,रासम, एर्राम, मेट्टागुडेम, मडपा, दुलेड़, कन्नेमरका, पोट्टेमंगुम, बोत्तम में मध्य रात्रि ड्रोन से बम गिराए गए थे।

बमबारी नक्सली दल को निषाना बनाते हुए की गई थी, जिसमें पार्टी के सदस्य बाल-बाल बच गए। प्रवक्ता विकल्प के हवाले कहा यह भी गया है कि उक्त गांवों में 50 से ज्यादा ठीकानों को निशाना बनाया गया है। जिसकी तस्दीक अभी पूरी नहीं हुई है। केंद्र व राज्य सरकारों को हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए माओवादी संगठन ने यह आरोप भी है कि घेरा डालो-उन्मूलन करो अभियान के तहत् उनकी पार्टी, पीएलजीए, जन कमेटियां और आम जनता के सफाए के लिए केंद्र और राज्य सरकार समन्वित रूप से पुरजोर प्रयासरत् है। जिसकी तैयारियां महीनों स ेचल रही हैं। पामेड़, चेरला, बासागुड़ा, दोरनापाल से लेकर जगरगुंडा, सिलगेर स्थित कैम्पों में पहले से तैनात फोर्स के अलावा बड़े पैमाने पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही हैं। जिनकी संख्या पांच से छह हजार के करीब है।

सरकारी सशस्त्र बलों मेंसेना के जवान भी डीआरजी, एसटीएफ के छदम वेश में अलग-अलग थाना कैम्पों में नियुक्त है, इसके अलावा तेलंगाना, आंध्र की ग्रेहाउंड फोर्स को भी बड़े पैमाने पर अभियान में शामिल किया गया है। सशस्त्र बलों के अलावा अत्याधुनिक हेलिकॉप्टर, हवाई जहाज नुमा डोन, लाइट वेजर एयर क्राफट पीएलजीए पर मंडरा रहे हैं।
आरोप के साथ माओवादी संगठन का यह भी कहना है कि आदिवासी जीविकोपार्जन के लिए जंगल पर निर्भर है। जिन्हें सषस्त्र बल जंगल जाने से रोक रहे हैं। हवाई बमबारी से आदिवासी महुआ संग्रहण से वंचित हो रहे हैं। घटना की कुछ तस्वीरें विज्ञप्ति के साथ जारी करते हुए माओवादी संगठन ने हवाई हमले की निंदा करने के साथ आम जनता से इसका पुरजोर विरोध की अपील भी की है। बता कि बीते साल भी टीसीओसी के दौरान हवाई हमले का आरोप लगाते माओवादियों ने दो ड्रोन मार गिराने का दावा भी किया था। क्षतिग्रस्त दो डोन को मीडिया के सामने पेश भी किया गया था, हालांकि सुरक्षा बल के आला अफसरों ने बमबारी से साफ इंकार करते हुए माओवादियों के आरोपों का खंडन किया था।

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