District Beejapur

पंचायतों को मिले अधिकारों से भाजपा और महेश गागड़ा हताश, निराश और परेशान हैं… पूर्व विधायक महेश गागड़ा जिले के पंचायतों का पैसा राजधानी रायपुर में टॉवर लगाने में खर्च कराते थे : शंकर कुडियम…

इम्पैक्ट डेस्क.

बीजापुर. ज़िला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम ने भाजपा और पूर्व विधायक महेश गागड़ा के प्रेस वार्ता पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा और महेश गागड़ा का जन अधिकार यात्रा केवल नौटंकी मात्र थी उनके जन अधिकार यात्रा से क्षेत्र की जनता स्वयं ही दूरी बनाए रखी और जनता का समर्थन नहीं मिलने से वे पूरी तरह हताश, निराश और परेशान है इसी कारण वे बीजापुर के लोकप्रिय और सक्रिय विधायक विक्रम मंडावी और ज़िला प्रशासन पर अनर्गल बयान बाज़ी कर मीडिया में बने रहना चाहते है।
ज़िला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम ने अपने विज्ञप्ति में आगे कहा कि भाजपा और मंत्री रहे महेश गागड़ा की सरकार में पंचायतों के अधिकारों को लगभग ख़त्म कर दिया गया था बीजापुर ज़िले के पंचायतों को विभिन्न योजनाओं से आबंटित होने वाली राशि का उपयोग राजधानी रायपुर में टॉवर लगाने के लिए खर्च किया जाता था जिससे की जिले के पंचायतों का अस्तित्व ही समाप्त हो। पूर्व विधायक महेश गागड़ा को क्षेत्र की जनता और जिले भर के सरपंचों को यह बताना चाहिए की बीजापुर जिले के पंचायतों के पैसे से राजधानी रायपुर में टॉवर लगाने के पीछे इनकी मंशा क्या थी ? ज़िला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम ने आगे कहा कि जब से प्रदेश में भूपेश बघेल जी की सरकार बनी है तब से जिले के पंचायतों में विकास को गति मिली है पंचायत प्रतिनिधि अब सीधे अपने क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी से और ज़िला प्रशासन से विकास कार्यों को लेकर मिल रहे है और क्षेत्र का लगातार विकास हो रहा है। पूर्व विधायक महेश गागड़ा को क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों को और जनता को यह भी बताना चाहिए की वे मंत्री रहते अपने कार्यकाल में पंचायतों के लिए क्या क्या कार्य किए है और कितने बार पंचायतों के प्रतिनिधियों से मिले है ? उनकी कितनी समस्याओं का समाधान किया है ?
आज जब प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी की सरकार ने पंचायतों के अधिकारों को सुरक्षित करने की मक़सद से पंचायतों को और अधिक अधिकार दे रही है तो भाजपा और महेश गागड़ा जानबूझकर पंचायतों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पंचायतों एवं पंचायतों के जनप्रतिनिधियों का अपमान करने में लगे है जिसके लिए महेश गागड़ा को जिले भर के पंचायत प्रतिनिधियों से माफ़ी माँगनी चाहिए।
ज़िला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम ने अपने विज्ञप्ति में आगे कहा कि पंचायतों के जन प्रतिनिधियों के मानदेय बढ़ाने के लिए पंचायतों के जन प्रतिनिधियों ने पिछले पंद्रह सालों तक लम्बी लड़ाई लड़ी और नई सरकार के आने के बाद पंच, सरपंच, उप-सरपंच, जनपद सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जनपद उपाध्यक्ष, ज़िला पंचायत सदस्य, ज़िला पंचायत अध्यक्ष और ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष के अधिकारों को बढ़ाने के साथ साथ इनके मानदेय को दोगुना कर पंचायत प्रतिनिधियों के हाथ मज़बूत कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को एक ऐतिहासिक सौग़ात देने का काम किया है।

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