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बड़ी खबर : DGCA ने 90 पायलटों को बोइंग 737 मैक्स उड़ाने से रोका… फिर होगी ट्रेनिंग, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप…

इंपैक्ट डेस्क.

नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 90 स्पाइसजेट पायलटों को उचित ट्रेनिंग से गुजरने तक बोइंग 737 मैक्स उड़ाने से रोक दिया है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने सिम्युलेटर ट्रेनिंग में खामियों का पता लगाने के बाद यह कदम उठाया। इन पायलटों को नोएडा में एक फैसिलिटी में सिम्युलेटर ट्रेनिंग दी गई थी।

पायलट प्रशिक्षण भी जांच के दायरे में

भारत के विमानन नियामक अरुण कुमार ने मंगलवार को टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया,”इन (90) पायलटों को बोइंग 737 मैक्स उड़ाने से रोक दिया गया है। उन्हें डीजीसीए की संतुष्टि के लिए फिर से ट्रेनिंग से गुजरना होगा।” यही नहीं, इस कथित चूक के बाद एयरलाइन का पायलट प्रशिक्षण भी नियामक की जांच के दायरे में है।

फिर ट्रेनिंग से गुजरेंगे पायलट

DGCA द्वारा लिए गए एक्शन की पुष्टि करते हुए, स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने कहा: “डीजीसीए ने 90 पायलटों के प्रशिक्षण प्रोफाइल पर एक अवलोकन किया था। इसलिए डीजीसीए के निर्देशों के अनुसार स्पाइसजेट ने 90 पायलटों को मैक्स विमान उड़ाने से रोक दिया है। ये पायलट डीजीसीए की संतुष्टि के लिए फिर से प्रशिक्षण से गुजरेंगे।”

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पाइसेजट एयरलाइन के बेड़े में वर्तमान में 13 बोइंग 737 मैक्स विमान हैं जिनमें से वह 11 का संचालन करती है। एयरलाइन का कहना है कि इन विमानों पर संचालित होने वाली 60 दैनिक उड़ानें प्रभावित नहीं होंगी।

एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा, “11 विमानों (MAX) के प्रबंधन के लिए लगभग 144 पायलटों की आवश्यकता होती है। स्पाइसजेट के पास फिलहाल मैक्स विमान पर 560 प्रशिक्षित पायलट हैं। सामान्य संचालन जारी रखने के लिए प्रशिक्षित पायलट की संख्या पर्याप्त से अधिक है।”

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि जब ये 90 पायलट अपने प्रशिक्षण से गुजर रहे थे, तो उस समय महत्वपूर्ण “पैंतरेबाजी विशेषता वृद्धि प्रणाली” (manoeuvring characteristics augmentation system) सिम्युलेटर में ठीक से काम नहीं कर रही थी। यह प्रणाली बोइंग फॉर मैक्स द्वारा डेवलप एक विवादास्पद फ्लाइट स्टेबलाइजिंग प्रोग्राम है। इसे अक्टूबर 2018 और मार्च 2019 में लॉयन एयर और इथियोपियन एयरलाइंस बी737 मैक्स दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार पाया गया, जिसमें 346 लोगों की जान चली गई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है, “इस ट्रेनिंग प्रणाली का एक हिस्सा, ‘स्टिक शेकर’ जो कंट्रोल कॉलम को वाइबरेट करता है और जब जेट को उड़ान भरने का जोखिम होता है तो जोर से आवाज भी करता है, वह इन पायलटों को प्रशिक्षण देने के समय सिम्युलेटर में ठीक से काम भी नहीं कर रहा था।”

लायन एयर और इथियोपियन मैक्स दोनों दुर्घटनाओं में, कई फैक्टर्स के चलते विमान की नाक (आगे का हिस्सा) नीचे की तरफ हो गई थी, जिन्हें बाद में ठीक किया गया था जब मैक्स को वैश्विक ग्राउंडिंग के बाद फिर से उड़ान भरने की अनुमति दी गई थी। मैक्स सिम्युलेटर पर एमसीएएस के लिए सही पायलट प्रशिक्षण इस विमान को सुरक्षित रूप से उड़ाने की कुंजी है।

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