Crime

150 बंदरों को मारने की घटना के बाद 100 से ज्यादा कुत्तों को जहर देकर दफनाया…

Impact desk.

कर्नाटक के शिवामोगा में 100 से ज्यादा कुत्तों को जहर देकर मारने के बाद दफनाने की घटना सामने आई है। शिवमोगा जिले में 100 से ज्यादा कुत्तों को पहले जहर दिया गया, फिर उनके मरजाने के बाद दफना दिया गया। पुलिस ने इस मामले की जांच करते हुए ग्राम पंचायत के एक अधिकारी के खिलाफ केस फाइल किया है। बता दें कि कर्नाटक में कुछ दिनों पहले 150 बंदरों को मारने की घटना भी देखने को मिली थी।

बेंगलुरु से लगभग 300 किमी दूर स्थित शिवमोग्गा में भद्रावती तालुक के हुनसेकट्टे गांव में एनिमल रेस्क्यू क्लब के लोगों को मंगलवार को ये शव मिले। पुलिस ने सटीक संख्या नहीं दी, लेकिन कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि 100 से अधिक शव हो सकते हैं।

पुलिस अधीक्षक शिवमोग्गा लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि स्थानीय पशु अधिकार कार्यकर्ताओं की शिकायत के आधार पर कंबादल होसुर ग्राम पंचायत के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्रसाद ने कहा,  “शिकायत में कहा गया है कि कुत्तों को मारने का आदेश ग्राम पंचायत ने दिया था। हमने इस मामले में पशु चिकित्सकों की एक टीम से मौतों के कारणों और अन्य विवरणों पर रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

भद्रावती ग्रामीण पुलिस स्टेशन, जहां शिकायत दर्ज की गई है,वहां  के अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय निवासियों ने इलाके में कुछ संदिग्ध गतिविधि देखी, जिसके बाद उन्होंने कुत्तों के शवों को खोजने के लिए एनिमल रेस्क्यू क्लब को सूचित किया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने कुत्तों को मारने के लिए एक निजी फर्म को कॉन्ट्रेक्ट दिया और कुछ कुत्तों को तो जिंदा भी दफना दिया गया। पुलिस ने कहा कि आरोपों की जांच की जा रही है।

भारतीय दंड संहिता की धारा 428 (किसी भी जानवर को मारना, जहर देना, अपंग करना या बेकार करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि मौत के कारणों का पता विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद ही चल पाएगा, हालांकि प्रारंभिक पुलिस जांच से पता चलता है कि कुत्तों को जहर दिया गया था।

ग्राम पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने कुत्तों को मारने का आदेश नहीं दिया था। स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कंबादल होसुर ग्राम पंचायत के सचिव बी मंजूनाथ ने कहा कि पंचायत ने कुत्तों को पकड़ने या मारने का आदेश नहीं दिया था. उन्होंने दावा किया कि पंचायत जांच में पुलिस का सहयोग करेगी।

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