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जब नाम सुन सभी चौंक गए… मध्यप्रदेश में फोटो सेशन में तीसरी पंक्ति में बैठे विधायक को दिल्ली से आई एक कॉल ने सीएम बना दिया…

इम्पेक्ट न्यूज़। डेस्क।

भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगा दी है। दोनों जगह पार्टी ने सभी चौंका दिया है। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने अपना पहला आदिवासी मुख्यमंत्री दे दिया है। वह भी उस इलाके से जहां स्व. दिलीप सिंह जूदेव की मूंछ के दांव से 2004 में भाजपा की सत्ता आई थी। यहां कुनकुरी से निर्वाचित विधायक विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। इस तरह से छत्तीसगढ़ में डा. रमन सिंह के दौर का खात्मा भी हो गया है।

इसके बाद आज दिन भर चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री के चयन से भारतीय जनता पार्टी ने सभी को चौंका दिया है। मध्यप्रदेश में भाजपा के निर्वाचित विधायकों के फोटो सेशन में तीसरी पंक्ति में बैठे विधायक को दिल्ली से आई एक कॉल ने सीएम बना दिया…। आज जब भाजपा विधायक दल की बैठक चल रही थी तब भी मोहन यादव भाजपा कार्यालय में सातवीं पंक्ति में बैठे हुए थे। उस समय शिवराज सिंह चौहान ने डा. मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव कर दिया।

मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। भोपाल स्थित ‌BJP के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी है। मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं।

बैठक में पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्‌टर (CM हरियाणा), डॉ. के. लक्ष्मण (राष्ट्रीय अध्यक्ष, BJP OBC मोर्चा) और आशा लकड़ा (राष्ट्रीय सचिव भाजपा) मौजूद रहे। विधायक दल की बैठक से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई।

भाजपा हाईकमान ने एक बार फिर चौंका दिया। मध्यप्रदेश में विधायक दल की बैठक से कुछ मिनट पहले विधायकों के फोटो सेशन में जो व्यक्ति दिग्गजों से काफी दूर तीसरी पंक्ति में बैठा था, उसे पार्टी ने मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। विधायक दल ने सर्वसम्मति से मोहन यादव को अपना नेता चुना। बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने उनके नाम का औपचारिक प्रस्ताव रखा।

यादव को मुख्यमंत्री बनाने की स्क्रिप्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के नई दिल्ली स्थित निवास पर 6 दिसंबर को रात 11 बजे लिखी गई थी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भी वहां मौजूद थे।

भूपेंद्र यादव ने ही डॉ. मोहन यादव की रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दी थी। इसके बाद तीन दौर की बैठक में डॉ. यादव का नाम तय किया गया। वे संघ के करीबी माने जाते हैं। बीजेपी ने ओबीसी चेहरे के तौर पर मोहन यादव को आगे किया है।

दिल्ली से कॉल आया तो आष्टा से लौटकर भोपाल आए
भाजपा के एक नेता ने बताया कि 6 दिसंबर को मोहन यादव सड़क मार्ग से भोपाल से उज्जैन जा रहे थे। शाम करीब 7 बजे जब वे आष्टा पहुंचे, तब कॉल (संभवत: राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा के निवास से) आया और उन्हें तत्काल दिल्ली आने के लिए कहा गया। डॉ. यादव वापस भोपाल आए और रात 9 बजे की फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे।

उनकी नड्‌डा से केवल 15 मिनट की मुलाकात हुई। वे अगले दिन यानी 7 दिसंबर को सुबह भोपाल लौट आए। तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि डॉ. यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

विधायक दल की बैठक में 15 मिनट में पूरी हुई सीएम बनाने की प्रक्रिया
सोमवार शाम 4.11 बजे भोपाल में बीजेपी दफ्तर में विधायक दल की बैठक शुरू हुई थी। मात्र 15 मिनट में नए मुख्यमंत्री बनाने की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने विधायक दल की बैठक आयोजित करने की प्रस्तावना बताई।

पर्यवेक्षक एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्‌टर ने 6 मिनट के भाषण में सिर्फ इतना कहा कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को सभी को स्वीकार करना चाहिए। यह परंपरा है।

शिवराज ने रखा प्रस्ताव और तोमर, प्रहलाद व भार्गव ने समर्थन किया
बैठक में मोहन यादव को विधायक दल का नेता चुनने का प्रस्ताव शिवराज सिंह चौहान ने रखा। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, गोपाल भार्गव, तुलसी सिलावट और विधायक निर्मला भूरिया ने इसका समर्थन किया। सूत्रों का कहना है कि बैठक शुरू होने से पहले नरेंद्र सिंह तोमर ने करीब आठ विधायकों को एक कमरे में बुलाकर डॉ. मोहन यादव के पक्ष में समर्थन करने को कहा था।

मीटिंग में सातवीं पंक्ति में पीछे बैठे रहे मोहन यादव
विधायक दल की बैठक के बाद जब मोहन यादव के नाम का ऐलान हुआ तो सभी चौंक गए। वे आगे से सातवीं पंक्ति में बैठे थे। इस दौरान मोहन यादव जीते हुए विधायकों के बीच ही बैठे रहे। सीएम चुने जाने के बाद उन्होंने शिवराज सिंह चौहान के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

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