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200 बुजुर्गों को कागजों में दिखाया मृत… अब पेंशन के लिए काट रहे हैं चक्कर, पढ़िए मामला…

इम्पैक्ट डेस्क.

ये केस तो बानगी भर के हैं। इस तरह से कानपुर जिले में करीब 200 ऐसे मामले हैं, जिनमें विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से वृद्धों को कागजों में दो से तीन वर्ष पहले ही मृत कर दिया है। अब खुद को जिंदा साबित करने के लिए समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट रहे हैं।

विभाग के पास इन जिंदा वृद्धों का लेखा जोखा होनें के बाद भी उनका सत्यापन नहीं कराया जा रहा है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण उन्हें तीन साल बाद भी पेंशन से वंचित रह रहे हैं। समाज कल्याण विभाग 60 वर्ष से अधिक उम्र के गरीबों को वृद्धा पेंशन का लाभ देता है।

प्रतिमाह एक हजार रुपये के हिसाब से तिमाही तीन हजार रुपये उनके खाते में पैसा भेजा जाता है। जिले में वर्तमान समय में 73 हजार वृद्धों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से अजब-गजब खेल अक्सर देखने को मिलतें हैं।

करीब 200 वृद्धों को घोषित कर दिया गया मृत
कर्मचारियों के मनमानी रवैये के चलते एक और कारनामा फिर सामने आया है। जिले के करीब 200 वृद्धों को कागजों में तीन वर्ष पहले मृत घोषित कर दिया गया, जब कि हकीकत में वो अभी जिंदा है। लंबे समय के बाद भी जब वृद्धों को पेंशन का लाभ नहीं मिला तो भटकते हुए समाज कल्याण विभाग पहुंच रहे हैं।

विभाग को है फर्जीवाड़े की जानकारी

जब अपनी समस्या बता रहे, तो पता चल रहा कि उन्हें कागजों में मृत कर दिया है। इस तरह से विभाग के पास पूरी सूची तैयार है, लेकिन खुद की नाकामी छुपाने के लिए किसी का सत्यापन कराकर पेंशन शुरु करने का प्रयास नहीं किया गया। इसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को भी है, फिर भी वृद्धों को भटकने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

केस वन
शिवराजपुर ब्लॉक के रहने वाले राजकुमार (68) वर्ष पुत्र मैकुलाल को पांच साल तक पेंशन का लाभ मिला। लेकिन इन्हे जिंदा होने के बाद भी समाजकल्याण विभाग ने अगस्तर 2020 में मृत घोषित कर दिया है। अब पेंशन के लिए चक्कर काट रहे हैं।

केस दो
बिधनू ब्लाक के रहने वाले अब्दुल गानी (65 वर्ष) पुत्र छोटे को आवेदन के बाद करीब 3 साल तक वृद्धा पेंशन का लाभ मिला। इसके बाद वर्ष 2021 में इन्हें कागजों में मृत दिखा दिया। इसके बाद खुद को जिंदा साबित करने के लिए विभागों के चक्कर काट रहे हैं।

केस तीन
पतारा ब्लाक की रहने वाली गोमती ( 71वर्ष) पत्नी मोहन लाल ने आवेदन के बाद करीब 4 वर्ष तक वृद्धा पेंशन का लाभ लिया। इसके बाद विभाग ने इन्हे अगस्त 2021 में मृत घोषित कर दिया है। जब कि पेंशन के लिए चक्कर काट रहे हैं आज तक विभाग ने जिंदा न किया गया।

जिंदा होनें के बाद भी अगर उन्हें पेंशन नहीं दी जा रही तो ये विभाग के अधिकारियों की लापरवाही है। नोटिस देकर जवाब-तलब किया जाएगा उनका सर्वे कराकर पेंशन शुरू करायी जाएगी।  -सुधीर कुमार, सीडीओ

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