दंतेवाड़ा जिला पंचायत में चुनाव में कांग्रेस को किस्मत का साथ…
लाटरी से चुने गए कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष तूलिका कर्मा और उपाध्यक्ष सुभाष सुराना…
- कवि सिन्हा. इम्पेक्ट न्यूज. दंतेवाड़ा।
आज जिला पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष निर्वाचन के दौरान कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को किस्मत का साथ मिला। प्रतिष्ठापूर्ण निर्वाचन में कांग्रेस की तूलिका कर्मा अध्यक्ष और सुभाष सुराना उपाध्यक्ष के रूप में लाटरी से चुने गए।
हांलाकि किस्मत का साथ हासिल करने के लिए भी कांग्रेस को एक सदस्य के साथ की आवश्यकता थी जिसमें सीपीआई समर्थित सदस्य विमला सोरी ने कांग्रेस का साथ दिया। इसके बाद दस सदस्यीय जिला पंचायत में 5—5 की बराबरी हो गई।
दोनों ओर से अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया गया। जिसमें कांग्रेस की ओर से विधायक देवती कर्मा की सुपुत्री तूलिका कर्मा और भाजपा की ओर से श्रीमती मुड़ामी ने नामांकन दाखिल किया। उपाध्यक्ष रामू नेताम ने नामांकन दाखिल किया था। दस सदस्यीय जिला पंचायत में भाजपा समर्थित पांच सदस्य निर्वाचित होकर पहुंचे थे।
जबकि कांग्रेस के चार सदस्यों को ही सफलता मिली थी। कुआकोंडा इलाके से सीपीआई समर्थित विमला सोरी लगातार तीसरी बार सदस्य निर्वाचित होकर पहुंची थी। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह जबरदस्त परेशानी की घड़ी थी कि हारी हुई बाजी को जीत में कैसे बदला जाए। कांग्रेस की ओर से बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी पर्यवेक्षक के तौर पर सक्रिय हुए और सबसे पहले सीपीआई समर्थित विमला का साथ हासिल करने के बाद पत्ते खोले।
इसके बाद अध्यक्ष पद के लिए तूलिका कर्मा के नाम पर सहमति बनी। पूर्व जिला पंचायत सदस्य नंदलाल मुड़ामी की पत्नी श्रीमती मुड़ामी को भाजपा ने अपना अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया। दोनों को पांच—पांच मत प्राप्त हुए। निर्वाचन अधिकारी ने समान मत पाने की स्थिति में लॉटरी पद्धति से अध्यक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया की जानकारी दी। इसके बाद लॉटरी निकाली गई जिसमें तूलिका को किस्मत का साथ मिला। वे अध्यक्ष निर्वाचित घोषित हो गई।
इसके बाद कांग्रेस में उपाध्यक्ष पद को लेकर काफी उठा—पटक की स्थिति रही। क्रास वोटिंग के खतरे को भांपते हुए पर्यवेक्षक ने सभी जिला सदस्यों के मोबाइल को बाहर रखवा दिया। वहां भी पांच—पांच वोटों से बराबरी रही। भाजपा समर्थित प्रत्याशी रामू नेताम को लॉटरी पद्धति से कांग्रेस समर्थित सुभाष सुराना से पराजित होना पड़ा।
सुभाष सुराना दस सदस्यीय जिला पंचायत में इकलौते सामन्य वर्ग के प्रत्याशी रहे। वे बालूद क्षेत्र से इससे पहले लगातार तीन बार जनपद सदस्य रहते हुए जनपद उपाध्यक्ष भी रहे। इस बार वे जिला पंचायत सदस्य चुनाव में बालूद से किस्मत आजमाया और पहले सदस्य निर्वाचित होने के बाद उपाध्यक्ष भी बन गए।