सात दिनों का आंदोलन तय करेगा अडानी की कंपनी “एईएल” का भविष्य… आक्रोशित आदिवासियों की भीड़ तो छंट गई पर पीछे बहुत से सवाल छोड़ गई…
धीरज माकन.किरंदुल. डिपाजिट-13 की पहाड़ी स्थानीय लोगों के लिए लोहे की पहाड़ी हो सकती है लेकिन अडानी के नजर में यह उसके लिए सोने की खान साबित हो सकती थी, एक छोटी सी पहाड़ी के जरिये पूरे लौह अयस्क की पहाड़ियों पर कब्जा जमाने का मंसूबा अब अडानी के लिए धुंधला साबित हो रहा है। पिछले छह माह से अडानी समूह के अधिकारी जिस फुर्ती से 13 नंबर की पहाड़ी पर चढ़ने की योजना तैयार कर रहे थे उसी तेजी से उनके मंसूबे धरातल में जा गिरे। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा
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