D-Bastar DivisionDistrict SukmaNaxal

पालोड़ी, एर्राबोर आगजनी व बुर्कापाल जैसे हमले में शामिल नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष डाले हथियार…सरेंडर नक्सलियों ने कहा संगठन में होता था भेदभाव…


इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा।
कोरोनाकाल में भी नक्सल मोर्च पर सुरक्षा बल के जवानों को सफलता मिल रही है। 5-5 लाख के इनामी नक्सली समेत 5 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष हथियार डाले है। जिसमें केरलापाल एरिया कमेटी का चीफ भी शामिल है। ये सभी नक्सली पिछले कई सालों से नक्सल संगठन में काम कर रहे है। साथ ही जिले में घटित दर्जनों घटनाओ में शामिल रहे है। जिसमें प्रमुख रूप से पलोड़ी घटना जहां ब्लास्ट में सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। सभी नक्सलियों को पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा। और शासन की योजनाओं की मदद भी की जाऐंगी।


पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी शलभ सिन्हा, एएसपी सिद्धार्थ तिवारी व सीआरपीएफ 226 के अधिकारी नरेश पाल के समक्ष 5 नक्सलियों ने हथियार डाले है। जिसमें केरलापाल एयिया कमेटी चीफ मिड़ियम बण्डी उर्फ नरेश जिस पर 5 लाख का इनाम घोषित था और यह 2017 में बुर्कापाल एंबुश की घटना में शामिल था। वही माड़वी बुधरी उर्फ कमली जिस पर 5 लाख का इनाम घोषित है जो किस्टाराम एलजीएस कमांडर है और यह पलोड़ी घटना में शामिल थी। करटम पोज्जा डीव्हीसी सुरक्षा गार्ड जिस पर 2 लाख का इनाम घोषित है। बोधराजपदर मुठभेड़ में शामिल था। पोड़ियम गंगा व मड़कम हड़मा ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया।

फोटो- पुलिस अधिकारियों के साथ सरेंडर नक्सली।

इन बड़ी वारदातों में थे शामिल
आत्स समर्पण नक्सली जिले में घटित बड़ी दर्जनों घटनाओं में शामिल थे। जिसमें नरेश 2017 में घटित बुर्कापाल एंबुश में शामिल था इसके अलावा 2018 में परिया जहां आईईडी ब्लास्ट की गई थी। वही कमली 2007 में कुरगोड़ा के पास नागा पुलिस की वाहन में आईईडी ब्लास्ट करने व एर्राबोर राहत शिविर में आगजनी की घटना में शामिल थी। इतना ही नहीं 2008 में उरपलमेटा घटना व 2017 में सड़क निर्माण में लगे जवानों पर हमला करने में शामिल थी। वही करटम पोज्जा 2018 में पालोड़ी कासाराम के पास एण्टी लैण्डमाईन्स वाहन को विस्फोट करने व फायरिग में शामिल थे। इसके अलावा भी कई घटनाओं में यह नक्सल शामिल थे।

जंगल में पत्नि थी बीमार तब पुलिस लेकर आई थी और इलाज कराया था तब से मुख्यधारा से जुड़ने के बारे में सोच रहा था- नरेश
इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए केरलापाल एरिया कमेटी इन चीफ नरेश ने कहा कि 2012 में नक्सली संगठन से जुड़ा था। मेरी पत्नि को नक्सल संगठन में लेकर गए थे लेकिन वहां पर बीमार हो गई थी वहां पर इलाज नहीं मिला। तब पुलिस मेरी पत्नि को लेकर आई थी और इलाज कराई। तब से में पुलिस से प्रभावित हुआ। इसलिए मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया। साथ ही संगठन के बड़े लीडर अत्याचार करते थे। हमे पैसे भी नहीं देते है। दिन-रात बारीश व तेज धूप में काम करना पड़ता था।


इम्पेक्ट से चर्चा करते हुए एसपी शलभ सिन्हा ने कहा कि सुरक्षा बल के जवान लगातार नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन कर रहे है। ऐसे में नक्सलियों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। साथ ही शासन की पुनर्वास निति का भी प्रचार-प्रसार हो रहा है जिसके कारण नक्सली मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आ रहे है। आगे और भी नक्सली मुख्यधारा से जुड़ेंगें और नक्सलियों के खिलाफ आपरेशन जारी रहेंगें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!