प्रवासी श्रमिकों का डाटा बेस जिला प्रशासन के पास, उद्योगों से करेंगे साझा
– उद्योग जगत के लोगों ने कहा यह बहुत अच्छा प्यासे को कुँए की तलाश और कुँए को प्यासे की तलाश, दोनों की जरूरत पूरी होगी
– लोगों को रोजगार की जरूरत, उद्योगों को हुनरमंदों की जरूरत, डाटा बेस से पूरी होगी कमी
– तकनीकी ट्रेड में हुनर सीखने के इच्छुक ग्यारहवीं के छात्रों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग की मिलेगी सुविधा, आईटीआई करेंगे वोकेशनल क्लास में प्रशिक्षित, छात्रों को मिलेगा सर्टिफिकेट भी
– वोकेशनल ट्रेनिंग में ऐसे कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा जो जिले के उद्योगों की जरूरत के मुताबिक हो
दुर्ग 06 जून 2020/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अर्थव्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए उद्योगों को आवश्यक श्रमिक उपलब्ध कराने तथा बाहर से लौटे श्रमिकों को रोजगार दिलाने विशेष पहल करने के निर्देश दिए हैं। इसके अंतर्गत जिला प्रशासन ने प्रवासी श्रमिकों का डाटाबेस तैयार किया है। इसमें सभी श्रमिकों के हुनर का ब्योरा है। लाकडाउन के चलते बाहर से कुशल श्रमिक लौटे हैं और यहां के कुशल श्रमिक बाहर भी चले गए हैं। इस डाटा बेस के माध्यम से नियोक्ताओं को कुशल लोग और बेरोजगार हुनरमंद लोगों को अपनी कुशलता का काम मिल पाएगा। इस उद्देश्य के लिए कलेक्टर डाक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने उद्योग जगत के पदाधिकारियों एवं उद्योगपतियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने बताया कि उद्योगों के लिए हुनरमंद लोगों को तैयार करने ग्यारहवीं में वोकेशनल ट्रेनिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। इस वोकेशनल ट्रेनिंग में ऐसे कोर्स शामिल किए जाएंगे जो यहां के उद्योगों की जरूरत के मुताबिक हों। बैठक में अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सर्वे, जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल, जीएमडीआईसी श्री अनिल श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कोर्स की पढ़ाई के साथ वोकेशनल स्टडी भी- कोर्स की पढ़ाई के साथ वोकेशनल ट्रेनिंग की व्यवस्था भी स्कूलों में की जाएगी। कलेक्टर ने बताया कि कला संकाय के छात्र इसमें हिस्सा ले सकेंगे। आज उद्योगों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने का उद्देश्य उनसे फीडबैक प्राप्त करना है कि किस प्रकार के कोर्स उनके लिए उपयोगी होंगे ताकि उद्योगों को भी लाभ हो सके और छात्रों के लिए भी भविष्य में रोजगार का रास्ता खुल सके।
दुबई जैसे देशों से प्रशिक्षित कुशल लोग भी- कलेक्टर ने बताया कि अच्छी बात यह है कि हमारे पास जो डाटा बेस है उसमें बहुत सारी विविधता है जो स्थानीय उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप काफी उपयोगी होती है। उदाहरण के लिए बायलर आपरेटर की काफी डिमांड होती है और वे स्थानीय स्तर पर मिल नहीं पाते। लाकडाउन ने यह अवसर दिया है कि अब आपके पास ऐसे लोग उपलब्ध हैं। दुबई जैसे देशों से लोग लौटे हैं जो बायलर आपरेटर और अन्य तकनीकी विधाओं में दक्ष है। उद्योग इनका बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं। उद्योगजगत ने कहा कि डाटाबेस काफी उपयोगी होगा- उद्योगपतियों ने कहा कि डाटाबेस काफी उपयोगी होगा। यहां का कुशल श्रमिक हमें मिल जाएगा तो हमारे लिए भी बेहतर होगा। उन्हें भी बाहर जाने की मजबूरी नहीं होगी। कलेक्टर ने कहा कि उद्योगों को हरसंभव सुविधा देने की कोशिश करेंगे। उन्हें जिस तरह की तकनीकी दक्षता वाले लोग चाहिए, उस तरह का मैनपावर तैयार करेंगे।
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