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रूचिर के पत्र पर ओपी का पलटवार… आपने एक सुझावात्मक पत्र के खिलाफ राजनीति करने का दुष्प्रयास किया है…

इम्पेक्ट न्यूज. रायपुर।

पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे गए पत्र पर मीडिया सलाहकार रूचिर गर्ग ने जवाब दिया था। अब प्रशासनिक सेवा से राजनीति में शामिल हुए ओमप्रकाश चौधरी ने पत्र का जवाब पत्र से दिया है…

यह पत्र ओम प्रकाश चौधरी ने अपने फेसबुक पेज पर डाला है पढ़िए पत्र का मजमून…

आदरणीय रूचिर गर्ग जी  
        राम – राम !

कुशलता की कामना के साथ
15 सालों तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह जी ने कोराना के विषय में वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को एक सुझावात्मक पत्र लिखा था। उस पर कुछ सकारात्मक कदम उठाने के बजाय आपने स्वयं जवाब लिखते हुए एक राजनैतिक काउंटर खड़ा करने का प्रयास किया है।
गर्ग जी ! आपको मैं एक निष्पक्ष विचारक के रूप में बड़े सम्मान की नजरों से देखता आया। एक सम्पादक के रूप में भाजपा सरकार के खिलाफ आप लगातार लिखते थे तब उसे मैं आपके लोकतांत्रिक आलोचना का अधिकार समझता था।

आपको चैथे स्तम्भ के रूप में लोकतंत्र का प्रहरी मानता था। लेकिन आपने एक सुझावात्मक पत्र के खिलाफ राजनीति करने का दुष्प्रयास किया है। गर्ग जी ! इसलिये यह पत्र आपके पत्र के जवाब स्वरूप मुझे लिखना पड़ रहा है। एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र का जवाब कोई सलाहकार दे – इसे लोकतांत्रिक मर्यादाओं के अनुसार कदापि उचित नहीं माना जा सकता।

रमन सिंह जी ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा है: ‘‘राज्य में सरकार द्वारा समुचित प्रयास जारी हैं।’’ अर्थात् उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों को स्वीकार करते हुये ही कुछ सुझाव दिये थे।
उन्होंने सामाजिक संगठनों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जोड़ने की बात लिखी थी। छत्तीसगढ़ से बाहर फँसे मजदूर भाईयों के हित में कुछ सुझाव दिये थे। और स्वास्थ्य व्यवस्था एवं टेस्टिंग व्यवस्था में सुधार के भी बिन्दु लिखे थे – इन सब सुझावों में न तो कोई सामंतवाद है और न ही किसी छत्तीसगढ़िया भाई को इसमें कुछ खटकने वाली बात नजर आती है गर्ग जी ! एक आम छत्तीसगढ़िया के रूप में ही यह सब बात मैं लिख रहा हुँ गर्ग जी !

सŸाा के अहंकार में आकर राजनीति करने के बजाय इन सुझावों के आधार पर कुछ सकारात्मक कदम उठाते – तो हमारे छत्तीसगढ़ का कुछ तो भला होता। लगता है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी तक यह पत्र आप लोगों ने पहुँचने ही नहीं दिया। अन्यथा मुख्यमंत्री जी लोकतांत्रिक मर्यादा के तहत पूर्व मुख्यमंत्री जी से चर्चा करके कुछ सकारात्मक कदम जरूर उठाते। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी किसी सलाहकार को आगे करके कोई पत्र लिखने को कदापि नहीं कहते – वे लोकतांत्रिक मर्यादाओं को जरूर समझते। उन्होने तो ट्वीट करके कोरोना के विषय पर स्वयं मोदी जी की तारीफ की है। पता नहीं मीडिया सलाहकार होकर किन परिस्थितियों में मोदी जी के विरोध में आप उतर आये ?

आज देश और दुनिया मोदी जी के निर्णय क्षमता और प्रयासों की प्रशंसा कर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मोदी जी की अंतर्राष्ट्रीय मंचों में तारीफ कर रहा है। पिछले 15 दिनों में प्रधानमंत्री जी दो बार मुख्यमंत्रीयों से सीधे संवाद कर चुके हैं। सभी विपक्षी धड़ों से भी प्रधानमंत्री जी सम्पर्क साध रहें हैं।

मोदी जी ने सीधे 1 लाख 70 हजार करोड़ का सहयोग आम लोगों को ध्यान में रखकर किया। जनधन खाताधारी, बुजुर्ग, किसान, दिव्यांग, विधवा माताओं को केन्द्र में रखा गया। ई०पी०एफ०, गैस सिलिण्डर, बीमा जैसे कदम उठाये। टैक्स, जीएसटी, जैसे सभी वित्तीय मसलों में 31 मार्च के बजाय 30 जून की तिथि तय करायी। पूरी राष्ट्र शक्ति को कोराना के खिलाफ लड़ाई में एकजुट किया।

आप लोग PPE और सरकार चला रहें हैं। सुझावों के विरोध में जाकर राजनीति करने के बजाय मास्क, च्च्म्, मेंडिकल सामग्रियों का जो टेण्डर आप लोग नहीं कर पा रहें है – वो टेण्डर पूरा कराना चाहिये, उसके लिये तो फण्ड भारत सरकार ने दिया है। आजादी के दशकों बाद खनन क्षेत्रों के स्थानीय विकास के लिये DMF की व्यवस्था मोदी सरकार ने ही की। और अब DMF की राशि का कोरोना में उपयोग करने की बात भी कही है। DMF के बेहतर उपयोग कोरोना के खिलाफ करने पर आपलोंगो को ध्यान देना चाहिये। इसी तरह NHM के फण्ड के बेहतर उपयोग पर फोकस कीजिये। राजनीतिक कारणों से कोरोना के खिलाफ जो एप जारी नहीं हो पा रहा है, उसे तत्काल जारी कराने पर ध्यान देना चाहिए। कटघोरा में जो कुछ जमाती भाईयों के साथ हुआ है उसे ठीक करने पर विशेष ध्यान देना चाहिये।

कांग्रेसी कार्यकर्ता और कांग्रेस सरकार में मीडिया सलाहकार होने के नाते एक महत्वपूर्ण प्रश्न आपसे पूछना चाहता हुँ। आपकी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने कहा है कि कोरोना के संदर्भ में केन्द्र एवं सभी राज्य सरकारों द्वारा मीडिया को सभी शासकीय विज्ञापनों पर रोक लगा दिया जाये।

आपका और आपकी सरकार का अभिमत इस विषय पर जरूर दीजियेगा। आप और आपकी सरकार सोनिया गांधी जी के मत के समर्थन में है या विरोध में। यदि समर्थन में हैं तो आपकी सरकार और आप सोनिया गांधी जी के निर्देशानुसार विज्ञापनों के संबंध में क्या कार्यवाही कर रहे हैं? और यदि विरोध में है तो सोनिया गांधी जी के वक्तव्य का कब खंडन कर रहे हैं ?

केन्द्र सरकार की कोई भी आलोचना करने से पहले AIIMS रायपुर के प्रयासों को कभी भी नहीं भूलना चाहिये, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। इसे अटल जी की सरकार ने स्वीकृत किया था और आज कि केन्द्र सरकार ही इसका संचालन कर रही है।
वक्त राजनीति का नहीं है गर्ग जी ! लोकतंत्र में विपक्ष भी अगर कुछ सुझाव देता है तो उसे कोरोना जैसे मौकों में, स्वागत करना चाहिये। सबके साथ संवाद और समन्वय की नीति ही कोरोना के जंग में मानवता को विजयी दिलायेगी।

उम्मीद है सलाहकार के रूप में आप स्वयं और सरकार को सकारात्मक एवं बड़े सोच की ओर अग्रसर करेंगे।

एक अदना सा व्यक्ति
ओपी चौधरी

देखें पत्र की मूल प्रति

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