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एएन-32 दुर्घटना में विमान में सवार सभी 13 लोगों की मौत, ‘ब्लैक बॉक्स’ से सुलझेगी हादसे की गुत्थी

न्यूज डेस्क.

अरुणाचल प्रदेश के घने वन वाले पर्वतीय क्षेत्र में 10 दिन पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए एएन-32 परिवहन विमान में सवार सभी 13 लोगों की मौत हो चुकी है। वायुसेना ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विमान का ”ब्लैक बॉक्स” दुर्घटना स्थल से बरामद हो गया है और यह दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में मदद करेगा। वायुसेना इस दुर्घटना की जांच (कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी) का आदेश पहले ही दे चुकी है। हाल के बरसों में किसी सैन्य विमान की यह सबसे भीषण दुर्घटना है।

रूस निर्मित एएन-32 विमान तीन जून को असम के जोरहाट से चीन की सीमा के पास मेंचुका एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड जा रहा था। तभी उड़ान भरने के करीब 33 मिनट बाद उसका रडार से संपर्क टूट गया। वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर ने मंगलवार को सियांग और शी-योमी जिलों की सीमा पर स्थित गाट्टे गांव के पास 12,000 फुट की ऊंचाई पर विमान का मलबा देखा था। इससे पहले, विमानों और हेलीकॉप्टरों के बेड़े तथा जमीनी बलों ने आठ दिनों तक व्यापक खोज अभियान चलाया था।

वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि बचावकर्मियों की टीम के आठ सदस्य दुर्घटना में जीवित बचे लोगों की तलाश में बृहस्पतिवार को दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। दुर्भाग्य से इस दुर्घटना में विमान में सवार कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं बचा। दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वालों में विंग कमांडर जी एम चार्ल्स, स्कवाड्रन लीडर एच विनोद, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल आर थापा, एम के गर्ग, आशीष तंवर और सुमित मोहंती, वारंट ऑफिसर के के मिश्रा, सार्जेंट अनूप कुमार, कॉरपोरल शेरीन, एलएसी (लीडिंग एयरक्राफ्ट मैन) एस के सिंह, एलएसी पंकज तथा गैर-लड़ाकू राजेश कुमार एवं पुताली शामिल हैं।

वायुसेना ने कहा, ”वायुसेना तीन जून 2019 को एएन-32 (विमान) के दुर्घटनाग्रस्त होने के दौरान अपनी जान गंवाने वाले वायुसेना के बहादुर जांबाजों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है। वायुसेना उनके पार्थिव शरीर को बरामद करने की हर कोशिश कर रही है।” वायुसेना ने कहा कि वायुसेना कर्मियों के पार्थिव शरीर को शीघ्रता से जोरहाट पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। एएन-32 विमान अरूणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में एक गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। यह विमान मेंचुका से करीब 30 किमी दूर दुर्घटनाग्रस्त हुआ। 

दिवंगत वायुसेना कर्मियों के पार्थिव शरीर को लाने के लिए शुक्रवार को अतिरिक्त कर्मी लगाए जाएंगे। एक अधिकारी ने बताया कि पार्थिव शरीरों को दुर्घटना स्थल से शुक्रवार तक लाए जाने की उम्मीद है। विमान के लापता हो जाने के बाद वायुसेना ने एक व्यापक खोज अभियान शुरू किया था। घने जंगलों और दुर्गम क्षेत्र में खराब मौसम ने हवाई खोज अभियान को प्रभावित किया। विमान के मलबे का पता चलने के बाद हेलीकॉप्टर भेजे गए लेकिन वे वहां नहीं उतर सकें क्योंकि दुर्घटनास्थल खड़ी ढाल और घने जंगलों वाला था।

दुर्घटनास्थल से दो किमी दूर एक स्थान निर्धारित किया गया और हेलीकॉप्टरों के उतरने के लिए एक कैम्प बनाया गया। इसके बाद, 12 जून को नौ वायुसेना कर्मी की एक टीम, चार आर्मी स्पेशल फोर्सेज के कर्मी और दो स्थानीय पर्वतारोही कैम्प स्थल पर उतारे गए। उनमें से आठ लोग शुक्रवार को दुर्घटनास्थल तक पहुंचे और उन्होंने पाया कि दुर्घटना में विमान में सवार सभी 13 लोगों में से एक भी जीवित नहीं बचा है।

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