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सोनिया गांधी फिर चुनीं गईं कांग्रेस संसदीय दल की नेता, कहा- आखिरी सांस तक लड़ेंगे

न्यूज डेस्क.

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) अध्यक्ष सोनिया गांधी को शनिवार सुबह एक बार फिर से कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुना गया। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भारी हार और उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तरफ से पद छोड़ने के फैसले के एक हफ्ते बाद कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में इसका ऐलान किया गया है। मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने 352 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है। जबकि कांग्रेस मात्र 52 सीटों पर सिमट कर रह गई।

सोनिया ने भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह को 1.67 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट पर जीत दर्ज की।

सोनिया ने कहा- आखिरी सांस तक लड़ेंगे

सोनिया ने कहा कि चुनाव में हार का पार्टी की विचारधारा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा- हम अपने आदर्श पर टिके हुए हैं। चुनाव में हार का हमारी विचारधारा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा- “हम सरकार के सकारात्मक काम का समर्थन करेंगे लेकिन अगर यह हमारे खिलाफ काम करते हैं तो हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे।”

लोकसभा में कांग्रेस का नेता चुनने के लिए शनिवार को कांग्रेस संसदीय दल की संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में बैठक आयोजित की गई। 

कांग्रेस के नव-निर्वाचित सांसदों की यह बैठक 17 जून से शुरू हो रहे संसद सत्र से ठीक पहले आयोजित की गई। एक अन्य ट्वीट में सुरजेवाला ने राहुल गांधी के हवाले से कहा- ‘हर कांग्रेस सदस्य को अवश्य यह याद रखना चाहिए कि आप रंग, आस्था या स्किन से परे संविधान और हर भारतीय के लिए लड़ रहे हैं।’

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “सोनिया गांधी को कांग्रेस संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया है। वह कहती हैं, ‘हम कांग्रेस पार्टी में विश्वास रखने के लिए 12.13 करोड़ मतदाताओं को धन्यवाद देते हैं।”’

इससे पहले, पार्टी में बड़ा तबका कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी लेने की मांग कर रहा था। ऐसी चर्चा थी कि अगर वह संसदीय दल के नेता नहीं बनते हैं, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर या मनीष तिवारी को नेता चुना जा सकता है। कांग्रेस के पास लोकसभा में सिर्फ 52 सांसद हैं। ऐसे में दूसरी बार पार्टी को लोकसभा में नेता विपक्ष का पद नहीं मिल पाएगा।

1999 में इसी तरह की स्थिति का कांग्रेस को करना पड़ा था सामना

इससे पहले, 15 मई 1999 को लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था। उस वक्त तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस वक्त पार्टी के सीनियर नेता शरद पवार, पीए संगमा और तारिक अनवर की तरफ से उनके विदेशी मूल को लेकर प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर विरोध को देखते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था।

लोगों का आभार जताने वायनाड जाएंगे राहुल :

लोकसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार 7 और 8 जून को वायनाड दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह मतदाताओं का शुक्रिया अदा करेंगे।

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि राहुल गांधी लोगों का आभार जताने के लिए वायनाड के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। वह लगातार वहां के लोगों के संपर्क में रहेंगे। वायनाड से राहुल गांधी ने चार लाख 31 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। चुनाव में यूडीएफ ने 20 में से 19 सीट पर जीत दर्ज की थी। राहुल ने वायनाड के लिए अलग ट्विटर अकाउंट भी बनाया है। राहुल वायनाड नाम के इस ट्विटर हैंडल से उन्होंने अंग्रेजी और मलयालम में दौरे से संबंधित ट्वीट किया है।

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