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एक ओर जहां देश दुनिया 5G चला रही है, वहीं छत्तीसगढ़ का ये एक ऐसा गांव है जहां मोबाइल टावर लगाने की इजाज़त ही नहीं… ये है वजह…

इम्पैक्ट डेस्क.

एक ओर जब दुनिया का हर देश सूचना क्रांति के इस दौर में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लगा हुआ है, वहीं छत्तीसगढ़ में एक ऐसा गांव भी है जहां के लोग अपने गांव में मोबाइल टावल लगाने की परमिशन नहीं देते हैं। एक ओर जहां देश का हर गांव तेज इंटरनेट स्पीड की मांग कर रहा है, वहीं छत्तीसगढ़ के गिरयाबंद जिले के लचकेरा गांव में मोबाइल टावर लगाने की परमिशन नहीं दी जाती है। आइये जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह?

यह है वजह
दरअसल गांव में रहने वाले 600 परिवार के लोग पक्षियों से काफी लगाव रखते हैं। उनका मानना है कि मोबाइल टावर लगाने के बाद टावर से जो रेडिएशन निकलती है उससे पक्षियों को नुकसान पहुंच सकता है। इन गांव वालों का यह भी मानना है कि टावर से निकलने वाली रेडिएशन पक्षियों के जीवन, उनके प्रजनन चक्र और उनके उड़ने और चलने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। यही कारण है कि यहां के लोग गांव में मोबाइल टावर लगाने की परमिशन नहीं देते हैं।

पक्षियों को नुकसान पहुंचाने पर मिलती है सजा
यहां के लोगों का पक्षियों के प्रति प्रेम कितना ज्यादा है, इस बात का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि यदि कोई व्यक्ति पक्षियों को नुकसान पहुंचाता है तो उसको यहां जुर्म माना जाता है। यहां तक कि इसके लिए सजा का भी प्रावधान किया गया है। पियों को नुकसान पहुंचाने पर यहां 1 हजार रुपए के का जुर्माना भी लगाया जाता है। इस गांव के लोग पक्षियों के प्रति अपने की वजह से ही गांव में टावर लगाने की परमिशन नहीं देते हैं।

कमजोर नेटवर्क पर चलाते हैं काम
यहां के लोग पक्षियों के लिए कमजोर मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल कर पाते हैं। इसकी वजह है यहां के गांव में टावर लगाने की परमिशन भी नहीं दी गई है। गांव के लोगों ने बकायदा ग्राम पंचायत को अर्जी लिखकर गांव में में मोबाइल टावर ना लगाने देने की मांग करते हुए इसपर रोक लगा रखी है। इस गांव में किसी भी मोबाइल कंपनी को मोबाइल टावर लगाने की इजाजत नहीं दी जाती है।

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