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जब ट्विटर ने आईटी मंत्री प्रसाद का अकाउंट ब्लाक कर दिया… भारत में ट्विटर से बढ़ी तकरार, क्यों और कब से है विवाद…

इम्पेक्ट न्यूज डेस्क।

ट्विटर और भारत सरकार के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस नेता शशि थरूर के अकाउंट को एक घंटे के लिए बंद करने को केंद्र सरकार ने मनमानी भरा कदम बताया। खुद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर ने आईटी नियमों का घोर उल्लंघन किया। माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट ‘कू’ पर अपना बयान जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर मुझे मेरे खाते पर पहुंच से रोकने से पहले नोटिस देने में विफल रही। इससे यह साफ है कि ट्विटर मनमानी कर रहा है।

सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा कि वह अपने और रविशंकर प्रसाद के अकाउंट्स को कुछ देर के लिए बंद किए जाने को लेकर ट्विटर इंडिया से स्पष्टीकरण मांगेंगे। थरूर ने ट्वीट कर कहा, सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में, मैं कह सकता हूं कि हम ट्विटर इंडिया से रविशंकर प्रसाद और मेरे अकाउंट्स को बंद करने और भारत में संचालन के दौरान उनके द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों और प्रक्रियाओं के बारे में स्पष्टीकरण मांगेंगे।

दरअसल, रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया गाइडलाइंस और इसके पालन को लेकर न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिए थे। उन्होंने 23 और 24 जून को इन इंटरव्यू की क्लिपिंग्स अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की थी। ट्विटर ने इसी को अमेरिकी कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन माना है। मालूम हो कि डिजिटल कंपनी का नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर भारत सरकार के साथ विवाद चल रहा है।

सरकार ने जानबूझकर अवज्ञा करने और देश के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहने को लेकर ट्विटर को फटकार लगाई है। इसके कारण माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने भारत में अपनी मध्यस्थ स्थिति खो दी है। ऐसे में किसी भी गैरकानूनी सामग्री को पोस्ट करने वाले यूजर के लिए वह जवाबदेह होगी। सरकार ट्विटर से बार-बार नए आईटी नियमों का पालन करने के लिए कहती रही है।

क्या है नया आईटी नियम, जिसको लेकर है विवाद
– 50 लाख से अधिक पंजीकृत यूजर वाली कंपनियों पर लागू होंगे नए आईटी नियम
-सोशल मीडिया कंपनियों के लिए हर मैसेज के स्रोत का पता लगाना अनिवार्य रहेगा
-अधिकृत एजेंसियों की आपत्ति के 36 घंटे के भीतर आपत्तिजनक सामग्री हटानी पड़ेगी
-अश्लील पोस्ट के अलावा उस तस्वीरों को शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर हटाना होगा, जिनसे छेड़छाड़ की गई है
-कंपनियों को देश में मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करना पड़ेगा
-सोशल मीडिया कंपनियों को एक मासिक रिपोर्ट प्रकाशित करनी होगी, जिसमें प्राप्त शिकायतों, उनमें की गई कार्रवाई का ब्योरा देना अनिवार्य रहेगा
-कंपनियों को अपनी वेबसाइट या एप या फिर दोनों पर भारत में संपर्क का पता देना होगा, देश की सुरक्षाको नुकसान पहुंचानी वाली सामग्री का स्रोत बताना पड़ेगा

ट्विटर की क्या थी आपत्ति
नए आईटी नियमों को लेकर ट्विटर ने कहा है कि इसमें कुछ ऐसे तत्व हैं जो अभिव्यक्ति की आजादी को बाधित कर रहे हैं। ट्विटर ने कहा है कि वह भारत के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहा है और अपने प्लेटफार्म पर इस संबंध में सार्वजनिक चर्चा की सुविधा भी दे रहा है।

इन घटनाओं ने तनातनी और बढ़ाई
– ट्विटर ने लद्दाख के कुछ हिस्सों को गलती से चीन के नक्शे में दिखा दिया। गलती को सुधारने में ट्विटर ने कई दिनों का वक्त लिया।
– पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट का मामला सामने आ गया। सरकार ने कहा कि भारत में सौहार्द बिगाड़ने के लिए ट्विटर का दुरुपयोग हो रहा है।
– सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने कोरोना वायरस के बी 1.617 वेरिएंट को ‘इंडियन वेरिएंट’ लिखने वाले पोस्ट्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
– हाल ही में ट्विटर ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा समेत पार्टी के कुछ नेताओं के कुछ पोस्ट्स पर ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ का टैग लगा दिया।
– उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाया। इसके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत कई नेताओं के भी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हट गया।

कब-कब क्या हुआ
एक साल पहले शुरू हुई थी जंग
26 जनवरी 2020 :गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई। उस दौरान ट्विटर पर भड़काऊ कंटेंट शेयर किए गए।
31 जनवरी : केंद्र सरकार ने ट्विटर से कुछ अकाउंट्स पर कार्रवाई करने को कहा। ट्विटर ने 257 अकाउंट्स सस्पेंड किए बाद में बहाल कर दिया।
4 फरवरी : सरकार ने ट्विटर को 1157 और अकाउंट्स की सूची सौंपी जो भारत-विरोधी दुष्प्रचार में शामिल थे
5 फरवरी : इस बार भी ट्विटर ने महज कुछ हैंडल्स को ब्लॉक किया।

तीन माह बाद भी नियम लागू नहीं किया
– 25 फरवरी 2021 को केंद्र सरकार ने नए आईटी नियम जारी किए थे। सभी कंपनियों को इन नियमों को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।
– 25 मई तक इन नियमों को तीन महीने पूरे हो गए थे, लेकिन ट्विटर ने नियम लागू नहीं किए। कंपनी ने इनमें से कुछ नियमों को निजता के अधिकार के खिलाफ बताया।
– 28 मई को ट्विटर ने बताया कि वो कंपनी का फिजिकल एड्रेस देने के साथ-साथ नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेजीडेंट ग्रेविएंस ऑफिसर को भर्ती करने की प्रक्रिया में है।

नोटिस का भी नहीं पड़ा फर्क
– 2 जून को ट्विटर ने सरकार को मेल भेजकर बताया कि उसने परेश बी लाल नामक एक वकील को अंतरिम नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन नियुक्त किया है।
– 5 जून को सरकार ने ट्विटर को आखिरी नोटिस भेजकर चेतावनी दी कि वो नियमों का पालना करें या परिणाम भुगतने को तैयार रहे।
-6 जून को नोटिस का जवाब देते हुए ट्विटर ने कहा कि उसने अंतरिम कदम उठाते हुए कॉन्ट्रैक्ट पर नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेजीडेंट ग्रेविएंस ऑफिसर की भर्ती की है।

कानूनी सुरक्षा खोई
– 13 जून : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहा। कानूनी संरक्षण खत्म हुआ।
-14 जून : ट्विटर ने कहा कि वह सीसीओ, नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन और रेजीडेंट ग्रेविएंस पदों पर जल्द से जल्द अधिकारियों की नियुक्ति करेगी।
– 16 जून : गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग की पिटाई मामले पर यूपी में पहली बार ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज।
– 19 जून : ट्विटर ने भारत में स्थानीय शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया। इसकी जानकारी गाजियाबाद पुलिस को दी गई।

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