District Beejapur

कलेक्टर-विधायक से मिलने पर अड़े ग्रामीण… अफसरों की मानमनौव्वल के बाद लौटे, तेंदूपत्ता खरीदी दर में बढ़ोत्तरी से लेकर नकद भुगतान समेत कई मांगों को लेकर हजारों ग्रामीणों का प्रदर्शन… जिला मुख्यालय दाखिल होने से पहले रोक लिए गए…

इंपैक्ट डेस्क.

बीजापुर। तेंदूपत्ता जिसे बस्तर में हरा सोना भी कहा जाता है कि खरीदी दर में बढ़ोत्तरी, बकाया बोनस भुगतान और नकद भुगतान व्यवस्था को यथावत रखने समेत कई मांगों को लेकर शुक्रवार को हजारों ग्रामीणों ने रैली की शक्ल में बीजापुर जिला मुख्यालय में दाखिल होने की कोशिश की, जिन्हें पुलिस बल ने छह किलोमीटर पहले संतोषपुर नामक गाँव मे रोक लिया। मांगों को लेकर बड़ी तादात में ग्रामीणों के जुटने की जानकारी मिलने के बाद संतोषपुर गांव तक प्रशासनिक अमला भी देरी ना करते पहुंचा गया। मौके पर एसडीएम हेमेंद्र भुआर्य और डीएफओ अषोक पटेल ने ग्रामीणों से सीधे संवाद की कोषिष की, लेकिन काफी देर तक चले मान मनौव्वल के बाद भी ग्रामीण जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर को आवेदन देन की मांग पर अड़े थे। हालांकि अफसरों की लगातार समझाईश के बाद ग्रामीण मान तो गए, लेकिन उन्होंने एक नई मांग रखकर अफसरों की मुश्किलेंऔर बढ़ा दी थी। मांग उठी कि उनसे मिलने संतोषपुर गांव कलेक्टर-विधायक दोनों पहुंचे। हालांकि दोनों के बाहर होने की बात कहते हुए अफसरों ने उनकी मांगों को सुनने और यथाशीघ्र जिनका निराकरण हो सके, उन्हें पूरा करने का भरोसा देते दोबारा संवाद स्थापित करने का प्रयास किया। अंततः ग्रामीण भी उनसे चर्चा को तैयार हो गए। जिसके बाद ग्रामीणों से उनकी मांगें सुनी गईं। जिसमें पांच प्रमुख मांगें रखी गई थी। पहली यह कि तेंदूपत्ता दर प्रति गड्डी 5.50 रूपए की दर से क्रय की जाए, वर्ष 2019, 2020 और 2021 का बकाया बोनस संग्राहकों को शीघ्र भुगतान करने, भुगतान की व्यवस्था ऑनलाइन ना कर नकद व्यवस्था करने, नेशनल पार्क एरिया में तेंदूपत्ता सहकारी क्रय समिति खोलने और हिंसक वन्य जीवों के हमले में होने वाली जानमाल की हानि पर मुआवजा मामलों को अविलम्ब निराकृत करने की मांग शामिल थी। मौके पर पहुँचे वन् विभाग के अफसर डीएफओ अशोक पटेल, एसडीएम हेमेंद्र भुआर्य की ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल से लंबी चर्चा और समझाइश के बाद ग्रामीण अपनी मांगों को ज्ञापन के जरिये अवगत कराते लौटे। डीएफओ अषोक पटेल ने कहा कि वर्तमान में जिन मांगों का यथाशीघ्र निराकरण सम्भव है, संग्राहकों की वे मांगें पूरी की जाएगी, इसके अलावा दर में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर शासन को अवगत कराया जाएगा, नकद व्यवस्था की मांग भौगोलिक दृष्टिकोण से उचित है, परंतु इसमें संग्राहकों को सीधे मेहनताना ना मिले ऐसा भी हो सकता है, इसलिए डिजिटल भुगतान प्रणाली को और भी सुलभ और सरल बनाने की कोषिष की जाएगी, हिंसक वन्य प्राणियों के हमले में जान माल की हानि पर मुआवजा का प्रावधान है, जो भी प्रकरण आएंगे उनका शीघ्र निराकरण किया जाएगा। इधर प्रदर्शन के मद्देनजर दो दिनों से भैरमगढ़ से लेकर गंगालूर मार्ग पर पुलिस मुस्तैद थी, गंगालूर समेत कई मांगों पर रैलियों को रोकने बेरिकेटिंग की तैयारी भी हो चुकी है, लेकिन संतोषपुर में जुटी भीड़ को पुलिस और प्रशासन ने शांतिपूर्ण तरीके से समझाईश देने के साथ उन्हें आश्वस्त करते वापस लौटाया।

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