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उन्नाव : मां का संघर्ष, फिर आत्मदाह की कोशिश और कॉल डिटेल… 63 दिन बाद मिला शव… ऐसे खुला युवती की हत्या का राज…

इंपैक्ट डेस्क.

उन्नाव में लापता युवती की मां की ओर से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी महीनों अनसुनी और आरोपी पर कार्रवाई में हीलाहवाली बरतने पर एसपी ने कोतवाली प्रभारी को निलंबित कर दिया है। मालूम हो कि कांशीराम कालोनी निवासी पूजा गौतम 8 दिसंबर 2021 को लापता हुई थी। उसकी मां रीता ने रजोल पर अपहरण का आरोप लगाते हुए कोतवाली में तहरीर दी लेकिन पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज करने के बजाए गुमशुदगी दर्ज कर मामले को हल्के में निपटाने का प्रयास किया। गुरुवार शाम को जब पुलिस शव निकलवाने पहुंची तो मृतका की मां ने एसपी व एएसपी की मौजूदगी में सीओ और कोतवाली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उसने कहा कि जब बेटी लापता हुई थी तो पुलिस उसे लेकर यहां इस आश्रम भी आई थी। बार-बार कहती रही कि कमरा खुलवाकर देखा जाए लेकिन उसको एक नहीं सुनी गई। महीनों टरकाते रही। बार-बार जाती तो शिकायत करने के बाद 10 जनवरी को रजोल के खिलाफ अपहरण और दलित उत्पीड़न की रिपोर्ट दर्ज की।

इसकी जांच सीओ सिटी कर रहे थे। आरोप लगाया कि पुलिस अगर पहले ही कार्रवाई करती और आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की जाती तो मामला पहले ही खुल गया होता और उसे 24 जनवरी को लखनऊ में जाकर सपा कार्यालय के बाहर पूर्व मुख्यमंत्री की फ्लीट के सामने आत्मदाह का प्रयास न करना पड़ता।

एसपी दिनेश त्रिपाठा ने बताया कि घटना में लापरवाही सामने आने पर कोतवाली प्रभारी अखिलेश कुमार पांडेय को निलंबित कर दिया गया है। बताया कि जांच की जाएगी, जिन जिम्मेदार पुलिस कर्मियों की लापरवाही या शिथिलता सामने आएगी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एक्सपर्ट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम की मांग
मृतका के पिता व भाई ने लखनऊ फॉरेंसिक लैब एक्सपर्ट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराने की मांग की है। उनका कहना है कि स्थानीय डाक्टरों पर दबाव बनाकर पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गड़बड़ी करा सकती है।

पिता मुकेश गौतम व छोटे भाई संजय ने कहा पुलिस शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराने की बात कह रही है। लेकिन उन्होंने एसपी से मांग की है कि पोस्टमार्टम एफएसएएल (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) लखनऊ के विशेषज्ञों की मौजूदगी में कराया जाए।

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