MuddaNaxalNMDC ProjectState News

​सीएमडी एन बैजेंद्र कुमार के फैसले के खिलाफ लामबंद हो रहे आदिवासी, डिपाजिट—13 में बसे इष्ट देवता को बचाने किरंदुल पंहुचे हजारों आदिवासी…

सुबह 4 बजे से आंदोलन​कारियों ने संभाला मोर्चा, प्रथम पाली के कर्मचारी नहीं जा सके कार्यस्थल, उत्पादन प्रभावित होने की आशंका

  • धीरज माकन

एनएमडीसी के डिपाजिट—13 को अडानी की कंपनी को चोरी—छिपे तरीके से खनन के लिए सौंप दिए जाने के बाद बैलाडिला की लौह अयस्क की पहाड़ी तपने लगी है। तपिस का प्रभाव इस कदर बढ़ गया है कि आदिवासियों ने उस पहाड़ को ही घेरना शुरू कर दिया है जिसे अडानी को सौंप दिया गया है। इसके लिए दबे छिपे स्वर में एनएमडीसी के सीएमडी एन बैजेंद्र कुमार पर सीधा आरोप मढ़ा जाने लगा है।

किरंदुल बैलाडीला की पहाड़ी श्रृंखलाओं में मौजूद अकूत लौह भण्डार से जन्हा एनएमडीसी परियोजना 60 वर्षों से उत्खनन कर अरबों रूपय की कमाई कर महानवरत्न का दर्जा हासिल कर चुका है। वहीं दूसरी ओर बैलाडीला की पहाड़ियों में मौजूद बहुत से आदिवासी परिवार आज भी दो जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं। उनकी आस्था इन पहाड़ों में उनकी अपनी मान्यता है। आज भी वो इतने ही आस्थावान हैं जितना की कोई आम आदमी, आदिवासी प्रकृति-पूजक हैं और वन, पर्वत, नदियों एवं सूर्य की आराधना करते हैं।

सुबह से ही लगा आदिवासियों का रेला

आदिवासियों की आस्था का केंद्र रहे किरंदुल की 13 नंबर की पहाड़ी को बचाने करीब 200 गांव के आदिवासी पैदल पहुंच रहे हैं। अडानी इंटरप्राइजेज को सौंपी गई डिपाजिट के बारे में आदिवासियों का कहना है कि उसमें उनके समुदाय के इष्ट देवता प्राकृतिक गुरु नन्द राज की धर्म पत्नी पितोड़ रानी विराजमान है।

जो सम्पूर्ण आदिवासी समुदाय की इष्ट देवी के रूप में पूजी जाती है। स्थानीय आदिवासी समुदाय के प्रमुख मंगल कुंजाम बताते हैं कि 13 नंबर की जो पहाड़ी अडानी समूह को प्रदान की गई है वो पूर्ण रूप से आदिवासियों के लिए आस्था का केंद्र है। इसमें प्राकृतिक शक्ति विराजमान है। यहां उत्खनन करने नहीं दिया जायेगा।

बताया जाता है की पितोड़ रानी बस्तर राजा प्रवीर चन्द भंजदेव की भी इष्ट देवी थी जिनकी सेवा करने बस्तर राजा ग्रीष्म काल के दौरान आकाश नगर की पहाड़ियों तक पंहुचते थे,बताया जाता है की आकाश नगर 11 बी और निक्षेप 14 की पहाड़ियों के मध्य नन्द राज विराजमान हैं जो आदिवासियों के प्रमुख आराध्य देव हैं। इसी प्रकार बैलाडीला की पहाड़ी श्रृंखलाओं में प्राकृतिक गुरु नन्द राज की दो बेटियों का भी वास है इलो और पालो। जो 11 बी और बचेली की पहाड़ियों के मध्य मौजूद हैं। बताया जाता है कि एनएमडीसी के स्थापना के वक्त हो रहे हादसों को रोकने के लिए इनका बंधन कर दिया गया। जिससे आदिवासी आज तक नाराज हैं।

अडानी के विरोध में हजारों आदिवासी पहुंचे

किरंदुल निछेप क्रमांक 13 में उत्खनन कार्य प्रारंभ करने के लिए निजी कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज को एनसीएल द्वारा ठेका दिए जाने के विरोध में संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति के आव्हान पर शुक्रवार को लौह नगरी किरंदुल में आदिवासी जंगी प्रदर्शन को अंजाम देंगे। समिति के सचिव राजू भास्कर ने चर्चा के दौरान बताया की इस बार आर—पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। आन्दोलन अनिश्चितकालीन होगा। जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि दंतेवाडा के चार ब्लाक के साथ साथ बीजापुर आदि इलाकों से भी हजारों आदिवासी आस्था के प्रतीक को बचाने स्वस्फुर्त किरंदुल पैदल पंहुच रहे है। किरंदुल में एनएमडीसी के प्रशासनिक भवन के निकट सीआईएसएफ बैरक में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। आज 10 हजार से भी ज्यादा आदिवासियों के किरंदुल पंहुचने का अनुमान है

बाधित होगा उत्पादन

एनएमडीसी से जुड़े अधिकारियों द्वारा आशंका व्यक्त की जा रही है कि आदिवासियों के आस्था के साथ हो रहे इस प्रदर्शन की वजह से परियोजन का उत्पादन भी प्रभावित होगा। मॉनसून से पूर्व मौसम साफ़ होने की वजह से इन दिनों उत्पादन भी चरम पर रहता है।
उत्पादन प्रभावित होने से करोड़ों रूपये की आर्थिक क्षति की आशंका है।

संघर्ष समिति का ज्ञापन उन्हें प्राप्त हुआ है जिसको लेकर बैठक आहूत की गयी है और चर्चा किया जायेगा कि क्या किया जा सकता है जिससे परियोजना को कम से कम नुकसान हो।
— परियोजना के महाप्रबंधक एके प्रजापति

मौन समर्थन देगा मजदूर संगठन

निजीकरण का विरोध कर रहे किरंदुल के मजदूर संगठन एटक और इन्टुक भी आन्दोलन को अपना मौन समर्थन देंगे। एटक हमेशा से निजीकरण का विरोध करता रहा है और आगे भी करता रहेगा। जन संघर्ष समिति का आन्दोलन है जिसका वो विरोध नहीं किया जाएगा।आदिवासियों और उनका विरोध एक ही चीज को लेकर है,उन्होंने कहा कि मजदूर संगठन के फेडरेशन की बैठक 18 जून को कलकत्ता में प्रस्तावित है। जिसमें अडानी को खदान दिए जाने का मुद्दा प्रमुख है। बैठक के बाद जो फैसला आएगा मजदूर संगठन अपने बल पर खदान के निजीकरण का विरोध करेगी।
— एटक के सचिव कामरेड राजेश संधू

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!