ये बस्तर है जहां खाट ही एंबुलेस है… बारिश से आई बाढ़ और रास्ते बंद… गर्भवती को 8 किलोमीटर खाट पर लाया नदी पार किया तब मिली एंबुलेंस…
इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा।
जिले के कोंटा ब्लाक में ऐसे कई गांव है जहां पहुंचने के लिए सड़क व पुल तक नहीं है। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ता है। कोंटा ब्लाक के मेड़ता पंचायत का बालेंगतोंग गांव की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई।
मुख्यालय तक सूचना तो पहुंच गई पर रास्ते में नदी—नालों में पानी भरा होने के कारण पैदल लाने के सिवा कोई दूसरा चारा नहीं था। करीब आठ किलोमीटर फासले के बाद जब गर्भवती को खाट के साथ पार कराया गया तब एंबुलेंस की सुविधा मिल सकी। खाट पर लाने के दौरान रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया लेकिन उसकी मौत हो गई।
उसके बाद उसे खाट पर नाला पार कराया गया जहां एंबुलेंस से कोंटा अस्पताल लाई गई वहां पर महिला का इलाज किया जा रहा है। ऐसी तस्वीरे अक्सर नक्सल प्रभावित इलाकों से सामने आती रही है।
कोंटा ब्लाक के मेड़ता पंचायत के बालेंगतोंग गांव की गर्भवति महिला मुचाकि हनने पति गंगा को सुबह अचानक प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद उसके ग्रामीणों की मदद से खाट पर कोंटा अस्पताल ले जाने की तैयारी की। बिना नदी पार किए एंबुलेंस की सुविधा मिलना संभव ही नहीं था। सो गांव वालों ने पैदल ही खाट पर पीड़िता को उठाकर फासला तय किया। देखें विडियो —
करीब 8 किमी दूर तक खाट पर लाया गया इस बीच प्रसव पीड़ा और तेज हो गई। जिसके कारण रास्ते में ही बच्चे ने जन्म ले लिया लेकिन बच्चे की मौत हो गई। उसके बाद नाला पार किया गया जहां 102 एंबुलेंस उनका इंतजार कर रही थी।
उसके बाद एंबुलेंस से कोंटा अस्पताल लाया गया जहां महिला का उपचार किया गया और बच्चे को दफनाया गया। महिला की तबियत फिलहाल ठीक है। कोंटा ब्लाक के अंदरूनी इलाकों में ना तो सड़क है और ना ही पुल—पुलिया… बड़ी बात यह है कि धुर नक्सल प्रभावित इन इलाकों में माओवादियों के विरोध के कारण ही इनका निर्माण नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते दक्षिण—पश्चिम बस्तर से अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती रहती हैं।
आगंनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा ने बताया कि गर्भवती महिला को कोंटा अस्पताल में रखा गया है जहां उसकी स्थिति ठीक है। समय पूर्व प्रसव के कारण बच्चे को बचाया नहीं जा सका।