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चीन से बाहर पहला संक्रमण थाईलैंड में 13 जनवरी को सामने आया… इसके बाद चीन को कोरोना के महामारी के रूप में फैलने के खतरे का आभास हुआ…

न्यूज डेस्क. नई दिल्ली।

चीन ने कोरोना वायरस की जानकारी बहुत दिनों तक लोगों से छिपाता रहा था। चीन से बाहर पहला संक्रमण थाईलैंड में 13 जनवरी को सामने आया। इसके बाद चीन की शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी ने 14 जनवरी को प्रांतीय अधिकारियों को बता दिया था कि वायरस की वजह से वे महामारी जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। उसके बाद भी उसने छह दिनों तक लोगों को सतर्क नहीं किया।

चाईना ने बीमारी की जानकारी छिपाई

चीन ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने गुप्त रूप से महामारी से निपटने की तैयारियों के आदेश दिए। जबकि राष्ट्रीय टेलीविजन पर उन्होंने महामारी के फैलने को तवज्जो नहीं दी। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सातवें दिन 20 जनवरी को लोगों को आगाह किया। पूर्व प्रभावी संक्रमण आंकड़ों के मुताबिक तब तक करीब एक हफ्ते की चुप्पी के कारण तीन हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके थे।

तैयारी का आदेश, लेकिन आधिकारिक घोषणा नहीं :
दस्तावेजों के मुताबिक, चीन के रोग नियंत्रण केंद्र ने स्थानीय अधिकारियों से प्राप्त किसी मामले को रजिस्टर नहीं किया, इसकी पुष्टि एपी को प्राप्त आंतरिक बुलेटिन से होती है। पांच जनवरी से 17 जनवरी के दौरान अस्पतालों में सैकड़ों रोगी भर्ती हो रहे थे, जो न केवल वुहान में बल्कि पूरे देश में ऐसा हो रहा था।

अधिकारियों की आवाज दबा दी :

वुहान में डॉक्टरों एवं नर्सों ने कहा कि इस तरह के कई संकेत हैं कि दिसंबर के अंत तक कोरोना वायरस लोगों के बीच फैलेगा। लेकिन अधिकारियों ने इस तरह के मामले बताने वाले मेडिकल कार्यकर्ताओं की आवाज दबा दी। सूचना को ऊपर भेजने से पहले निरीक्षकों को कर्मचारियों द्वारा रिपोर्ट देना जरूरी था। बीमारी के बारे में चेतावनी देने वाले डॉक्टरों को उन्होंने दंडित किया। चीन के बाहर संक्रमण का पहला मामला 13 जनवरी को थाईलैंड में आया, जिससे बीजिंग में नेतृत्व को महामारी की संभावना का आभास हुआ। चीन के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी मा शियावेई ने कहा कि वायरस के विदेशों में फैलने की संभावना से स्थिति काफी बदली।

14 जनवरी को कोरोना पर हुई थी बैठक :
14 जनवरी को की गई गोपनीय टेलीकांफ्रेंस से पता चलता है कि चीन के अधिकारी काफी चिंतित थे और जनता को जो जानकारी दी, उससे कहीं अधिक भवायह स्थिति का आकलन कर रहे थे। कुछ हफ्ते तक अधिकारी यही दोहराते रहे कि मानव से मानव में संचरण का कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं है और बीमारी को रोकने योग्य एवं नियंत्रण योग्य बताया।

कोरोना के हिंदुस्तानी कनेक्शन का अंदेशा थाईलैंड

चीन से बाहर पहला संक्रमण थाईलैंड में 13 जनवरी को सामने आया। इसके बाद चीन को कोरोना के महामारी के रूप में फैलने के खतरे का आभास हुआ। यानी 13 जनवरी से पहले थाईलैंड में कोरोना का संक्रमण फैल चुका था। वहीं हिंदुस्तान में थाईलैंड से विदेशी भ्रमण में निकले पर्यटकों की आवाजाही जारी रही। इससे भारत में खतरा जनवरी से ही बढ़ता रहा।

थाईलैंड दुनिया के सबसे प्रमुख पर्यटन केंद्रों में से एक है। यहां बड़ी संख्या में हिंदुस्तानी कंपनिया अपने वितरकों के लिए ​भ्रमण आर्गनाईज करती हैं। जब तक खतरे का आभास हुआ तब तक यानी मार्च के तीसरे हफ्ते तक थाईलैंड से हिंदुस्तानियों की आवाजाही निर्बाध होती रही। हांलाकि बाद में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग का इंतजाम सरकार ने किया था।

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