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मेरी सफलता का पैमाना टेस्ट क्रिकेट रहेगा: बुमराह

हैदराबाद
भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा कि उनके लिए हमेशा सफलता का पैमाना टेस्ट क्रिकेट ही रहेगा। बुमराह ने ब्रिटिश डेली समाचार पत्र द गार्डियन से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा, “टेस्ट क्रिकेट में भाग्य का कोई खेल नहीं होता, यहां बेहतर टीम ही जीत हासिल करती है। आपको भाग्य के सहारे 20 विकेट नहीं मिल सकते। केवल व्हाइट बॉल क्रिकेट खेलकर मैं कभी भी संतुष्ट नहीं रहने वाला था, टेस्ट क्रिकेट का दर्जा मेरे लिए सबसे ऊपर है।” तेज गेंदबाज ने कहा, “मैं जिस दौर का हूं उस समय के लोगों के लिए टेस्ट क्रिकेट की अहमियत कही अधिक है और मैं हमेशा ही अपने प्रदर्शन को परखने के लिए टेस्ट क्रिकेट को ही आधार बनाऊंगा। हां, मैंने आईपीएल से शुरुआत की थी, लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट के जरिए ही मैंने गेंदबाजी सीखी।”

 इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने  कहा कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को शॉर्ट पिच गेंदों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल से नियंत्रित करना उनकी और उनकी टीम की पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में भारत को हराने की योजना में प्रमुखता से शामिल होगा।

पहला टेस्ट गुरुवार से यहां शुरू होगा और वुड ने कहा कि पिचों की प्रकृति धीमी होने के बावजूद उनकी रणनीति में मदद मिल सकती है।

उन्होंने कहा, “बैजबॉल की अवधारणा से मैं स्वयं को जोड़ नहीं पाता लेकिन वे इस समय इस तरह की क्रिकेट खेलकर अधिक सफल हैं और दुनिया को यह बता रहे हैं कि इस तरह से भी टेस्ट क्रिकेट खेली जा सकती है। लेकिन इसके साथ ही एक गेंदबाज के तौर पर मुझे यही लगता है कि इस शैली की क्रिकेट मुझे गेम में बनाए रखती है। एक गेंदबाज के तौर पर मैं हमेशा यही सोचता हूं कि कैसे किसी चीज का फायदा उठाया जाए। उन्हें शुभकामनाएं, लेकिन एक गेंदबाज के तौर पर आप गेम में बने रहते हैं।” अनुभवी तेज गेंदबाज बुमराह 32 टेस्ट मैच खेले हैं। हालांकि 25 जनवरी को हैदराबाद में शुरु होने वाला टेस्ट मैच घर पर उनका पांचवां टेस्ट मैच ही होगा।

उल्लेखनीय है कि बुमराह ने दक्षिण अफ्रीका दौरे पर खेले गए दो टेस्ट में कुल 12 विकेट लिए थे। केपटाउन टेस्ट में उन्होंने 61 रन देकर छह विकेट भी चटकाए थे। पिछली बार जब इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया था तब बुमराह ने चार टेस्ट में से दो मैच ही खेले थे और 48 ओवर की गेंदबाजी की थी।

वुड ने प्रेस कांफ्रेस में कहा, ''हां, जब मैं वहां मैदान पर उतरूंगा तो परिस्थितियों का आकलन किया जाएगा। यहां बाउंसर का कम ही इस्तेमाल होता है लेकिन पिच कभी-कभी दोहरी गति वाली हो सकती है और यदि यह धीमी भी है तो गेंदबाजों को मदद मिल सकती है क्योंकि बल्लेबाज को शॉट खेलने में दिक्कत होगी।''

उन्होंने कहा, ''मुझे पता है कि रोहित जैसा खिलाड़ी शॉर्ट गेंद के खिलाफ कितना अच्छा है। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं बाउंसर नहीं फेंकूंगा। इसका मतलब सिर्फ यह है कि मुझे बेहद सटीक होना होगा और सही समय पर गेंदबाजी करनी होगी।''

कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकुलम के नेतृत्व में इंग्लैंड आक्रामक क्रिकेट खेल रहा है लेकिन वुड ने कहा कि टीम परिस्थितियों के अनुकूल ढलने को भी तैयार है।

वुड ने कहा, ''मुझे लगता है कि हम खेल को आगे बढ़ाने की कोशिश करेंगे। मुझे लगता है कि कभी-कभी यह समझदारी होती है कि आप अपनी स्थिति मजबूत करो और फिर जब मौका आए तो (भारत पर) वापस दबाव डालो।''

डरहम के 34 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि दबाव से निपटना भी यह तय करने में एक महत्वपूर्ण कारक होगा कि क्या इंग्लैंड भारतीय सरजमीं पर इतिहास रचेगा जैसा कि उन्होंने 2022 के अंत में पाकिस्तान के खिलाफ किया था।

वुड ने कहा, ''मुझे लगता है कि यह सब जरूरत पड़ने पर दबाव को झेलने के बारे में है, शायद जब भारतीय बल्लेबाज शीर्ष पर हों। हमें उस दबाव को झेलना होगा और फिर जब समय हो तो फिर से आक्रमण करना होगा। बल्ले और गेंद दोनों के साथ ऐसा ही है।''

इंग्लैंड 2022 में पाकिस्तान को 3-0 से हराकर घरेलू मैदान पर उसका क्लीन स्वीप करने वाली पहली मेहमान टीम बन गई थी। भारत में इंग्लैंड ने पिछली टेस्ट श्रृंखला 2012-13 में एलिस्टेयर कुक की अगुआई में जीती थी।

वुड ने कहा, ''हम यहां की चुनौतियों को जानते हैं। वे (भारत) अपने घर में बहुत कम हारते हैं। मुझे लगता है कि यह हमारे लिए फ्री हिट की तरह है जहां हम कुछ अलग करने की कोशिश कर सकते हैं।''

उन्होंने कहा, ''हमने हाल ही में पाकिस्तान में इतिहास रचा, प्रत्येक मैच जीतने वाली पहली टीम बन गए। इसलिए यह कुछ ऐतिहासिक करने और भारत को उनकी ही परिस्थितियों में हराने का एक और मौका है।''

वुड ने इस श्रृंखला के लिए इंग्लैंड की तैयारियों की कमी से जुड़ी चिंताओं को खारिज करते हुए कहा उनकी टीम ने अबु धाबी में शिविर में अच्छी तैयारी की है।

 

 

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