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District Beejapur

तीन राज्यों की सरहद पर आस्था और इतिहास की संगम स्थली भद्रकाली सैलानियों की नजरों से ओझल,
जीवनदायिनी इन्द्रवती पहुँचकर गोदावरी में होती है समाहित, छत्तीसगढ़ के साथ तेलंगान, महाराष्ट की सीमाएं भी करती है स्पर्श,
पर्यटन की असीम संभावनाओं के बाद भी उपेक्षित है यह स्थल.

बीजापुर। बस्तर में काकतीय राजवंश की स्थापना के प्राचीनतम इतिहास पर गौर करें तो बीजापुर के भद्राकाली गांव का जिक्र सबसे पहले होता है। वो इसलिए कि वर्तमान तेलंगाना के वारंगल से काकतीय राजा अन्नमदेव भद्राकाली के इंद्रावती और गोदावरी दो नदियों के संगम स्थल से ही बस्तर में दाखिल हुए थे और भोपालपट्नम पर अपनी पहली जीत दर्ज कर बस्तर में काकतीय राजवंश की नींव रखी थी। मां भद्रकाली के मंदिर के लिए चर्चित बीजापुर का भद्रकाली गांव के समीप ही बस्तर की जीवनदायिनी इंद्रावती और दक्षिण की तरफ

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