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CG : सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती में बीएड वालों की काउंसलिंग पर लगी रोक हटाई…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों के 6500 पदों पर भर्ती के मामले में बीएड अभ्यर्थियों को फौरी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची जारी करने पर हाईकोर्ट की ओर से लगाई गई रोक को हटा दिया है। शीर्ष कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला पलटते हुआ कहा कि इस स्तर पर भर्ती की प्रक्रिया में बाधा पैदा करना सही नहीं होगा। हालांकि जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया के तहत की गई नियुक्तियां हाईकोर्ट द्वारा याचिका पर दिए जाने वाले फैसले के अधीन ही होंगी।

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में मई माह में सहायक शिक्षकों के करीब 6500 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। सहायक शिक्षकों के पदों के लिए बीएड और डीएड अनिवार्य योग्यता रखी गई। परीक्षा 10 जून को हुई। लेकिन इसके बाद डीएड करने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए इस भर्ती से बीएड अभ्यर्थियों को बाहर करने की मांग की। उन्होंने याचिका में कहा कि डीएड कोर्स में प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने की खास ट्रेनिंग दी जाती है। जबकि बीएड कोर्स में बड़ी कक्षाओं को पढ़ाने की ट्रेनिंग दी जाती है। छोटी कक्षाओं की टीचरों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने से शिक्षा की गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ेगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में एक फैसले के तहत कहा कि केवल बीटीसी ( डीएलएड ) डिप्लोमा धारक ही प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के पात्र होंगे। लेवल-1 (पहली से 5वीं कक्षा तक) में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे। पीठ ने एनसीटीई ( राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ) के उस गजट नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया जिसमें बीएड डिग्रीधारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती के लिए योग्य करार दिया गया था। एनसीटीई की इस अधिसूचना में कहा गया था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के बाद छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा। 

21 अगस्त को सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक भर्ती में बीएड करने वालों की काउंसिलिंग और अंतिम चयन सूची जारी करने पर रोक लगाते हुए राज्य शासन से जवाब मांगा था। 
 

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