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शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार को 24 घंटे के भीतर आरोप साबित करने या परिणाम भुगतने की चुनौती दी

कोलकाता

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली मामले को लेकर लगातार बवाल बढ़ रहा है। सिर्फ बीजेपी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी ममता सरकार पर हमला बोल रही है। इस बीच, पश्चिम बंगाल में एक सिख आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि उन्हें विरोध प्रदर्शन के दौरान बीजेपी नेता ने खालिस्तानी कहा। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस को चुनौती दी कि वह 24 घंटे के भीतर अपने आरोप को साबित करें अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें।

आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को शुभेंदु अधिकारी समेत बीजेपी विधायकों के एक ग्रुप से कहते हुए सुना गया, ''आप मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं, क्योंकि मैंने पगड़ी पहन रखी है। क्या यही आपकी हिम्मत है? अगर कोई पुलिसकर्मी पगड़ी पहनकर ड्यूटी करता है तो वह खालिस्तानी हो जाता है? क्या यह आपका स्तर है?''सिंह ने बीजेपी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, ''मैं आपके धर्म के बारे में कुछ नहीं कह रहा हूं। आप भी मेरे बारे में कुछ नहीं कह सकते। क्या किसी ने आपके धर्म के बारे में कुछ कहा? तो फिर आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?''

इसके बाद विवाद तब और तेज हो गया जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति ने बेशर्मी से संवैधानिक सीमाओं को लांघ दिया है। ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, ''आज बीजेपी की विभाजनकारी राजनीति ने संवैधानिक सीमाओं को बेशर्मी से लांघ दिया है। बीजेपी के अनुसार पगड़ी पहनने वाला हर व्यक्ति खालिस्तानी है। मैं अपने बलिदान और दृढ़ संकल्प के लिए पूजनीय हमारे सिख भाइयों और बहनों की प्रतिष्ठा को कमजोर करने के इस दुस्साहसिक प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं। हम बंगाल के सामाजिक सौहार्द की रक्षा के लिए दृढ़ हैं और इसे बाधित करने के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए सख्त कानूनी कदम उठाएंगे।''

शुभेंदु अधिकारी ने आरोप साबित करने की दी चुनौती
आईपीएस अधिकारी के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल सरकार को 24 घंटे के भीतर अपना आरोप साबित करने या परिणाम भुगतने की चुनौती दी। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस के दावों को चुनौती देने वाले अधिकारी का एक वीडियो साझा किया था। मालवीय ने कहा, ''बीजेपी नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने एडीजी (दक्षिण बंगाल) को 24 घंटे के भीतर अपने आरोप को साबित करने की चुनौती दी कि एक सिख पुलिस अधिकारी पर अपशब्द बोले गए, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें। पश्चिम बंगाल पुलिस, ममता बनर्जी की एकमात्र रक्षा पंक्ति ढह रही है। उन्हें अब पीछे हट जाना चाहिए।''

क्या है पूरा मामला?
बता दें कि एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार के अनुसार, घटना तब हुई जब मंगलवार सुबह धमाखली में धारा 144 लागू कराने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज सुबह धमाखाली में धारा 144 लागू करने के लिए हमारे पास एक पुलिस बल था। इसका नेतृत्व खुफिया शाखा के एसएसपी आईपीएस जसपीत सिंह कर रहे थे। धमाखाली में पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई विधायक थे। उनके साथ विवाद हुआ था। इसी दौरान शुभेंदु अधिकारी ने पुलिस अधिकारी को खालिस्तानी कहा, जो किसी राजनीतिक नेता को शोभा नहीं देता। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। इस गंभीर टिप्पणी के लिए हम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।''
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