BusinessDistrict Raipur

छत्तीसगढ़ में मैटर्निटी पैड का स्टार्टअप… अमिता कुमार ने वूमन हाइजीन में परिवर्तन के उद्देश्य से शुरू किया स्टार्टअप…

Getting your Trinity Audio player ready...

इंपेक्ट डेस्क.

मैटर्निटी पैड बनाने के लिए स्वयं एसेंबल की अल्ट्रा वायलेट मशीन

अंत्यावसायी विकास निगम द्वारा प्राप्त ऋण से खरीदा पैड निर्माण के उपकरण व अल्ट्रावायलेट मशीन की सामग्री, टीम बनाई और नये बिजनेस की रखी ठोस नींव

रायपुर। मैटर्निटी पैड्स अथवा पोस्टपार्टम पैड्स के बारे में सामान्यतः कम ही लोगों ने सुना है। डिलीवरी के वक्त अत्याधिक ब्लीडिंग होने की वजह से यह पैड्स इस्तेमाल किये जाते हैं। छत्तीसगढ़ में पोस्टपार्टम पैड्स बन जाएं, इसके विषय में कम ही लोगों ने सोचा होगा। इस क्षेत्र में कदम रखने वाली पहली महिला रहीं श्रीमती अमिता कुमार की जिंदगी में कोयंबटूर में पैडमेन कहे जाने वाले श्री अरुणाचलम से मुलाकात ने काफी परिवर्तन किये। उन्हें लगा कि वूमन हाइजिन सेगमेंट में कार्य करना चाहिए। उनकी पढ़ाई नई तालीम को बढ़ावा देने वाले गांधीग्राम इंस्टीट्यूट डिंडीगुल से हुई थी, जहां बताया जाता था कि शिक्षा ऐसी हो जो जनकल्याण का माध्यम बने, काम ऐसा करो जिससे बहुजन हिताय की भावना पुष्ट हो। गर्भावस्था के दौरान अत्याधिक ब्लीडिंग होती है, सामान्य सैनेटरी पैड्स इसके लिए कारगर नहीं होते। गांधीग्राम इंस्टीट्यूट में सीखे तकनीकी ज्ञान की मदद से उन्होंने मैटर्निटी पैड बनाने अल्ट्रा वायलेट मशीन को स्वयं एसेंबल किया, इसके लिए सामान उन्होंने नागपुर से मंगवाये। इसके लिए आरंभिक पूंजी की समस्या थी और वो दूर कर दी अंत्यावसायी निगम ने, छह लाख रुपए का लोन लिया और इसका सेटअप डाल दिया। उन्होंने अपने साथ ही चार और महिलाओं को भी पैरों पर खड़ा किया है।

पहले सेनेटरी पैड्स बनाती थीं, बाद में मैटर्निटी पैड्स बनाना आरंभ किया-श्रीमती अमिता कुमार बताती हैं कि एनजीओ अतुल समाज सेवी संस्थान ने आदिम जाति विभाग के गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों के लिए उन्हें सेनेटरी यूनिट तैयार करने का प्रस्ताव दिया था जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर अंबागढ़ में सेनेटरी पैड का पहला प्रोजेक्ट पूरा किया। इसके बाद मैटर्निटी पैड्स पर काम आरंभ किया। अभी उनके प्रोडक्ट शासकीय अस्पतालों और प्राइवेट संस्थाओं में जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में पाटन, धरसींवा और तिल्दा में भी उनका मैटर्निटी पैड जाता है। उनके द्वारा प्रति महीने लगभग 7 हजार पेट्स का निर्माण किया जा रहा है। मैटर्निटी पैड्स के बारे में जानकारी देते हुए श्रीमती अमिता ने बताया कि मैटरनिटी पैड नॉर्मल पैड की तुलना में दोगुना ज्यादा अब्सॉर्ब करता है। दूसरी चीज यह कि सैनिटरी पैड ज्यादा सॉफ्ट नहीं होता है, लेकिन मैटरनिटी पैड सॉफ्ट होते हैं जिससे गर्भवती महिला को इचिंग, रैशेस या इन्फेक्शन नहीं होता है।

जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति दुर्ग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री श्यामल दास ने वूमेन हाईजिन सेगमेंट में परिवर्तन लाने के श्रीमती अमिता के प्रयास की सराहना की और कहा कि जिले वासियों के लिए शासन की बहुत सी योजनाएं ऐसी है जो कि उन्हें स्वावलंबी बना सकती हैं। जिला अंत्यावसायी विभाग भी इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहा है।

उम्र कभी भी नहीं बनी बाधा – सही मायने में किसी भी गृहणी का जीवन अर्ध शतक लगाने के बाद ही शुरू होता है, जहां उसके बच्चे पढ़ लिखकर बड़े हो जाते हैं। यहां से श्रीमती अनीता ने भी अपने कुमार ग्रुप की शुरुआत की, उन्होंने अपने बेटे अनंश कुमार के नाम से जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति दुर्ग से 6 लाख रुपए का लोन लिया और यह कार्य आरंभ किया।
महिला उत्थान के साथ-साथ महिलाओं को रोजगार भी – आज उनकी संस्था में 20 से 25 वर्ष उम्र की 5 महिलाएं कार्य कर रही है। संस्था में काम करने वाली इंदु ने बताया कि एक दूसरे के माध्यम से ही वे संस्था में आई है और धीरे-धीरे संस्था में एक चैन बनती जा रही है। नीलम ने बताया कि श्रीमती अमिता शिक्षा के लिए भी उन्हें बढ़ावा देती हैं, उनके द्वारा दी गई सैलरी से ही उन्होंने मोबाइल फोन भी खरीदा है, जिसे वो लॉकडाउन के समय में अपने पढ़ाई के उपयोग में लाती थी।

रियल पेडमैन से भी मिल चुकी हैं अमिता – श्रीमती अमिता ने बताया कि अपनी ट्रेनिंग के दौरान वो कोयंबटूर में सेनेटरी पैड पर यूनिट देखने के लिए गई थीं जहां उनकी मुलाकात रियल पेडमैन श्री अरुणाचलम मुरूगनंतम से हुई और यह उनके लिए जीवन की दिशा बदलने वाला पल था। एक पुरुष प्रधान देश में उन्हें एक ऐसा पुरुष मिला था, जो महिलाओं के बारे में सोच रहा था। अमिता ने अपने अनुभवों को भी उनके साथ साझा किया और उनसे भविष्य के लिए टिप्स भी लिए। सामाजिक निषेध की दीवार को कैसे तोड़ा जाए इस पर उनकी गहन चर्चा श्री अरुणाचलम मुरूगनंतम के साथ हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!