D-Bastar DivisionState News

अदम्य साहस के प्रतीक शहीद गुंडाधुर समाज को प्रगति की ओर प्रशस्त रहने की प्रेरणा देते रहेंगे: सुश्री उइके

भूमकाल के शहीदों की याद में स्मारक बनाने की घोषणा की
राज्यपाल जगदलपुर में भूमकाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई

रायपुर, 11 फरवरी 2021/

सम्मानित करते हुए राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके

शहीद गुंडाधुर आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उन्होंने आदिवासियों को तत्कालीन दमनकारी और शोषणकारी सत्ता के खिलाफ संगठित किया और वे अमर हो गए। उन्होंने समाज में अपनी कार्यों से जागरूकता लाई। अदम्य साहस के प्रतीक शहीद गुंडाधुर समाज को प्रगति की ओर प्रशस्त रहने की प्रेरणा देते रहेंगे।

आज से लगभग 111 वर्ष पूर्व बस्तर की इस भूमि पर आदिवासियों ने भूमकाल आंदोलन की हुंकार भरी थी। आज हम इस अवसर पर इस आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज भूमकाल दिवस के अवसर पर जगदलपुर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। राज्यपाल ने भूमकाल के शहीदों की स्मृति में जगदलपुर के हृदय स्थल गोलबाजार में भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की।

राज्यपाल ने कहा कि इस आंदोलन में कई आदिवासियों एवं ग्रामीणों ने जल, जंगल और जमीन तथा अपने हक और अधिकार के लिए अंग्रेजी हुकुमत एवं दमनकारी सत्ता के खिलाफ जंग छेड़ी। उनका विद्रोह इतना प्रबल था कि उनके खिलाफ ब्रिटिश सरकार ने बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजा जिनका हमारे आदिवासियों ने अपने पारंपरिक हथियारों से साहस के साथ सामना किया।

गुंडाधुर जी ने इस आंदोलन ने समाज में एक जागृति पैदा कर दी और कहीं न कहीं इसका असर राष्ट्रीय स्तर पर हुआ। भूमकाल आंदोलन सहित अन्य आंदोलनों के फलस्वरूप हमारे देश को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली।
राज्यपाल ने कहा कि शासन-प्रशासन के कार्यों से समाज में जागृति आई है और निरंतर प्रगति भी हो रही है।

बस्तर क्षेत्र में तेजी से विकास भी हो रहे हैं, कनेक्टिविटी अच्छी हुई है। अब जगदलपुर एयरपोर्ट से रायपुर और हैदराबाद की विमान सेवा भी प्रारंभ हो गई है।

सुश्री उइके ने कहा कि बस्तर में माता दंतेश्वरी का आशीर्वाद रहा है। इसी कारण बस्तर में मातृ शक्ति का विशेष प्रभाव देखने को मिल रहा है। यहां की महिलाओं में जो जागरूकता देखने को मिल रही है, वह सराहनीय है।

दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले की महिलाओं के द्वारा सिले हुए कपड़े देश-विदेश में बेचे जाएंगे। यह कपड़े डैनेक्स ब्रांड के नाम से उपलब्ध होंगे, जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियों का ब्रांड होता है। राज्यपाल ने खुशी जताते हुए इस कार्य से जुड़े महिलाओं को शुभकामनाएं दी।

राज्यपाल ने कहा कि बस्तर क्षेत्र पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत आता है। इस क्षेत्र में राज्यपाल के अनुमोदन से ही कानून का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि मैं आपकी संरक्षक हूं और राजभवन के माध्यम से आपकी समस्याओं के समाधान के लिए मैं हरसंभव प्रयास करूंगी।

इसके लिए जिला और विकास खण्ड स्तर पर पहुंच कर आदिवासियों की समस्याओं को जानने और और उनके समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां युवाओं के रोजगार के लिए भी बेहतर प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में वनोपज के प्रसंस्करण के लिए बड़ी इकाई भी ट्राइफेड के माध्यम से स्थापित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को जागरूक होना चाहिए है और संविधान ने जो अधिकार दिए हैं, उन्हें उनकी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में कुछ विघटनकारी तत्व लोगों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे सचेत रहने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर भूमकाल के शहीद गुंडाधुर तथा अन्य शहीदों के परिजनों को राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया।

राज्यपाल को धुरवा समाज के द्वारा पारम्परिक साड़ी भी भेंट की गई। इस अवसर पर धुरवा समाज के पदाधिकारी सहित गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!