Big news

फिर से पढ़ो या अपना सिद्धांत बनाओ… आइंस्टीन की थ्योरी को चुनौती देने पर सुप्रीम कोर्ट की दो टूक…

इंपेक्ट डेस्क.

वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कई खोजें की हैं। सबसे लोकप्रिय इक्वेशन E=MC² है, जिससे दुनिया को काफी मदद मिली। इसी इक्वेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की गई। चार्ल्स डारविन की इवॉल्यूशन थ्योरी और आइंस्टीन की मास एनर्जी इक्वेशन को चुनौती देने वाली इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। साथ ही, याचिकाकर्ता से फिर से पढ़ने या अपना सिद्धांत बनाने के लिए कह दिया। 

राज कुमार नाम के शख्स द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ के सामने आई। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि यह सिद्धांत गलत हैं और इससे हजारों लोगों को नुकसान हुआ है, इसलिए इन्हें शैक्षणिक संस्थानों में नहीं पढ़ाया जाना चाहिए।
इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से खुद को फिर से शिक्षित करने या वैकल्पिक सिद्धांत विकसित करने का आग्रह किया। याचिका पर कोर्ट ने जोर देते हुए कि व्यक्तियों को स्थापित वैज्ञानिक सिद्धांतों को नहीं सीखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “फिर आप खुद को फिर से शिक्षित करें या अपना सिद्धांत बनाएं। हम किसी को भी सीखने से इनकार करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। खारिज।” वहीं, इस जनहित याचिका से ठीक पहले, वकील राघव अवस्थी एक अन्य याचिका में राष्ट्रीय यातायात प्रबंधन नीति बनाने की मांग करते हुए पेश हुए थे। इस पर जस्टिस कौल का कहना था कि हमें इस तरह की पीआईएल पर जुर्माना लगाना चाहिए। इसके बाद राघव अवस्थी ने याचिका को वापस ले लिया था।

error: Content is protected !!