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ब्रह्मांड के सबसे अमीर क्षुद्रग्रह पर मिशन की तैयारी : NASA और एलन मस्क मिलकर कर रहे काम… धरती पर मौजूद खजाने से कहीं अधिक संपदा है…

इंपैक्ट डेस्क.

अमेरिकी की अंतरिक्ष एजेंसी नासा और एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ब्रह्रांड के सबसे अमीर क्षुद्रग्रह पर यान भेजने की तैयारी कर रहे हैं। यह मिशन मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच घूम रहे एक क्षुद्रग्रह 16 साइकी पर केंद्रित होगा। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस एस्टेरॉयड पर सोना, चांदी, लोहा और इस्पात का अपार खजाना है। यहां इतना खजाना है कि इससे दुनिया का हर शख्स अरबपति बन सकता है। इस मिशन को हालांकि पहले लॉन्च किया जाना था लेकिन, अब इसे टालकर प्रक्षेपण की तारीख 12 अक्टूबर तय की है।

विभिन्न धातुओं से बने इस स्टेरॉयड की खोज 1852 में 16वें क्षुद्रग्रह के रूप में की गई थी। इसके साइको नाम रखने की भी अलग कहानी है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के मुताबिक, नासा और एलन मस्क की कंपनी जिस क्षुद्रग्रह पर मिशन को भेज रहे हैं, इसे इतालियन खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैसपारिस ने खोजा था। इसका व्यास करीब 226 किलोमीटर है और क्षेत्रफल 165800 किलोमीटर हो सकता है। इसका नाम प्राचीन ग्रीक पौराणिक कथाओं में प्रचलित आत्मा की देवी के नाम पर साइकी रखा गया है। यह नासा द्वारा खोजा गया 16 क्षुद्रग्रह है इसलिए इसका नाम 16 साइकी रखा गया है।

धरती पर मौजूद खजाने से कहीं अधिक संपदा

धातु-समृद्ध क्षुद्रग्रह इन दिनों खूब सुर्खियाँ बटोर रहा है क्योंकि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यदि इस पर खनन किया जाए, तो इसका मूल्य आज पृथ्वी पर मौजूद खजाने से कहीं अधिक हो सकता है। कई अन्य कारणों से भी वैज्ञानिकों के लिए यह दिलचस्प और रहस्यमय है।

वैज्ञानिक यह जानना चाह रहे हैं कि हमारे सौर मंडल के शुरुआती युग के दौरान धरती पर क्या हो रहा था? यह क्षुद्रग्रह इस रहस्य से भी पर्दा उठा सकता है। पेंसिल्वेनिया के ब्लूम्सबर्ग विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिक माइकल शेपर्ड को क्षुद्रग्रह में विशेष रुचि है। उनका कहना है कि “सौर मंडल कैसे बना? इस क्षुद्रग्रह पर मिशन हमारी समझ को विकसित करने में अहम भूमिका निभा सकता है।”

कब है लॉन्चिंग

इस मिशन को पहले लॉन्च किया जाना था लेकिन, तकनीकी कारणों का हवाला देकर नासा ने इसे टाल दिया था। नासा ने कहा था कि कुछ टेस्टिंग बाकी है। अब यह मिशन 12 अक्टूबर को शाम सात बजकर 46 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। यह यान तकरीबन 6 साल का सफर तय करने के बाद 2029 में साइकी क्षुद्रग्रह पर पहुंचेगा।

क्या है मकसद

दक्षिणी कैलिफोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के नेतृत्व में आगामी साइकी मिशन को 16 साइकी के करीब जाने और इसके रहस्यमय बाहरी हिस्से की जांच करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वैज्ञानिकों को यह पता चलने की उम्मीद है कि 16 साइकी वास्तव में क्या है? क्या यह एक असफल ग्रह है जो दुर्घटनाग्रस्त हो गया था या एक ब्रह्मांडीय पिंड या फिर लोहा उगलने वाले ज्वालामुखी?

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