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लेंसकार्ट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 14 लाख की ऑनलाइन ठगी… गिरोह के 2 सदस्य बिहार से गिरफ्तार…

इम्पैक्ट डेस्क.

आई वियर एवं लैंस बनाने वाली नामी कंपनी लेंसकार्ट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 14 लाख की ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के 2 आरोपियों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने बिहार के नालंदा से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने निजी कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर को ठगा था। आरोपियों के कब्जे से ढाई लाख रुपये नकद, लैपटॉप, मोबाइल व अन्य सामान बरामद किया गया है। आरोपी 2 साल से ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे थे। उन्होंने कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। 

मिली जानकारी के मुताबिक ओडिशा निवासी इंजीनियर शेखर घोष अंबिकापुर में रहते हैं और एक निजी ठेका कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने चश्मा एवं ग्लास बनाने वाली कंपनी की एजेंसी लेने के लिए गूगल में सर्च किया। 24 अप्रैल को उनके मोबाइल पर फोन आया। फोन करने वाले ने स्वयं को विख्यात आई वियर कंपनी लेंसकार्ट का अधिकारी बताया और इंजीनियर को विश्वास में लेकर उनसे ऑनलाइन फार्म भरने सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी करने को कहा। इंजीनियर से ऑनलाइन फार्म भरवाने के साथ अन्य डिटेल भी मंगवाए। कंपनी का नियम बताकर उससे अलग-अलग बैंक खातों में कुल 13 लाख 81 हजार रुपये किस्तों में जमा करा लिए गए। पैसा जमा कराने के बाद प्रक्रिया प्रोसेस में होना बताकर फ्रेंचाइजी देने में आनकानी करने लगे। इंजीनियर शेखर घोष को शक हुआ। उसने कंपनी की वेबसाइट में दर्ज नंबर पर लेंसकार्ट के अधिकारियों से बात की तब पता चला कि कंपनी द्वारा ऐसी फ्रेंचाइजी नहीं दी जा रही है और न ही कंपनी ने किसी से पैसा जमा कराया है। ठगी का ऐहसास होने पर इंजीनयर शेखर घोष ने 26 मई को कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई।

2 साल में कई लोगों को शिकार बनाया 
एसपी भावना गुप्ता ने बताया कि साइबर सेल की मदद से शातिर ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल नंबर एवं बैंक खाते की जांच करने पर पता चला कि आरोपियों की लोकेशन नालंदा बिहार है। पुलिस टीम को बिहार नालंदा भेजा गया, जहां से पुलिस ने आरोपी आयुष राज पिता विजय कुमार तथा अमरजीत कुमार पिता लालू प्रसाद को गिरफ्तार किया और अंबिकापुर लेकर आए। आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह इस अपराध में 2 साल से लगे हुए हैं। अब तक कई लोगों को ठग चुके हैं। अंबिकापुर पुलिस ने आरोपी युवकों के कब्जे से ढाई लाख रुपए नकद, एक कंप्यूटर सेट, एक लैपटॉप, 15 मोबाइल, 5 एटीएम कार्ड, बैंक पासबुक, लेमिनेशन मशीन, वेब कैमरा सहित कई सामान बरामद किया है।

गिरोह में काम कर रहे कुल सात लोग
सरगुजा एसपी भावना गुप्ता ने बताया कि आरोपियों के गिरोह में कुल 7 सदस्य हैं। सभी एक-दूसरे को नहीं जानते। वे केवल व्हाट्सएप व फोन से कांटेक्ट में रहते हैं और ठगी की घटना को अंजाम देते हैं। ठगी के पैसों की लेनदेन के लिए दूसरों के अकाउंट को किराये पर लेते हैं। अकाउंट यूज करने के बदले कुछ परसेंट पैसे देते हैं। एसपी गुप्ता ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह के लुभावने बहकावे में न आएं।

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