District Dantewada

भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के 134वीं जयंती पर राष्ट्रीय गणित सप्ताह कार्यक्रम हुआ शुभारंभ… प्रकृति के सृष्टि से लेकर दैनिक जीवन में गणित का उपयोग महत्वपूर्ण है : विश्वनाथ…

इंपेक्ट डेस्क.

दंतेवाड़ा। प्रतिभाशाली और असाधारण भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की 134वीं जयंती पर राष्ट्रीय गणित दिवस 2021 को मानते हुए गणित और विज्ञान के विशेषज्ञों ने पूरे देश में उनको श्रद्धांजलि देते हुए नमन किए। विश्व स्तर पर प्रसिद्ध गणितीय प्रतिभा “अनंत को जानने वाला व्यक्ति” श्रीनिवास रामानुजन की समृद्ध विरासत का जश्न भारत में उनके जन्म शताब्दी पर राष्ट्रीय गणित सप्ताह 22 दिसंबर को एजुकेशन सिटी जावंगा दंतेवाड़ा में शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के अंर्तगत भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था, ऑल इंडिया रामानुजन मैथ्स क्लब, आस्था विद्या मंदिर जावंगा, राष्ट्रीय शिक्षक वैज्ञानिक परिषद भारत, रमन साइंस एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल काउंसिल ऑफ यंग साइंटिस्ट्स और इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड्स फाउंडेशन इंडिया और पाणिग्रही सिविल इंजीनियरिंग फाउन्डेशन दुर्ग के सहयोग से 22-28 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के भारतीय विज्ञान कांग्रेस संस्था के आजीवन सदस्य तथा आस्था विद्या मंदिर दंतेवाड़ा के शिक्षक अमुजुरी विश्वनाथ ने कहा कि प्रकृति के सृष्टि से लेकर इसकी हर गतिविधियों में तथा दैनिक जीवन में जैसा शिक्षा, वाणिज्य, निर्माण कार्य, खेल, उद्योग, स्वास्थ्य, कृषि, टेक्नोलॉजी आदि में गणित का संबंध है। गणित के द्वारा आजीविका मौका के बारे में चर्चा किया। रामानुजन के अनुकरणीय योगदान अण्डाकार कार्यों, निरंतर अंश, अनंत श्रृंखला और संख्याओं के विश्लेषणात्मक सिद्धांत के बारे में उल्लेखनीय हुआ। यह हमारे लिए बहुत प्रेरणा और गर्व की बात है कि दुनिया भर के गणितज्ञ उसके विभिन्न अप्रकाशित पत्रों का अध्ययन करना जारी रखते हैं। इस कार्यक्रम में शिक्षक राजेश धवला, बुनिल साहू, नाथूराम अनंत ने विद्यार्थियों के साथ गणित के प्रश्नोत्तरी के माध्यम से चर्चा किया और श्रीनिवास रामानुजन के द्वारा गणित के क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में बताया।

राष्ट्रीय गणित सप्ताह के अंर्तगत देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों, संस्थानों और संगठनों के कई गणितज्ञों, वैज्ञानिकों, अनुसंधान विद्वानों, प्रोफेसरों, शिक्षकों, प्रख्यात वक्ताओं और विद्यार्थियों ने अपने पत्र और शोध कार्य प्रस्तुत करेंगे।

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