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नंदनी अग्रवाल ने बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड : बनी दुनिया की सबसे यंगेस्ट फीमेल सीए…

इम्पैक्ट डेस्क.

भोपाल: नंदिनी अग्रवाल हमेशा जल्दबाजी में रहती थीं। स्कूल में दो क्लास जम्प करते हुए 13 साल की उम्र में उन्होंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा दी। फिर 15 साल की उम्र में 12वीं पास की। और 19 साल की उम्र में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। नंदिनी अग्रवाल मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर मुरैना की रहने वाली हैं। नंदिनी को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला चार्टर्ड एकाउंटेंट माना है। नंदिनी अग्रवाल ने 2021 में सीए फाइनल में देश में टॉप किया था। 13 सितंबर 2021 को वो 19 साल और 330 दिन की थीं, जब उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।

नंदिनी के बड़े भाई सचिन (तब 21) ने ऑल इंडिया में 18वीं रैंक हासिल की थी। नंदिनी ने 2021 में सीए फाइनल में 800 (76.75%) में से 614 अंक हासिल किए। उन्होंने 83,000 उम्मीदवारों को पछाड़ते हुए देश में नंबर-1 रैंक हासिल की। उनके भाई को 568 अंक मिले थे। भाई-बहन ने हंसते हुए कहा- ‘हमारी जोड़ी कमाल की है।’

हमारे सहयोगी टीओआई से बात करते हुए नंदिनी ने कहा कि जब वो 11वीं कक्षा में थीं, तब एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक उनके स्कूल आए थे। नंदिनी ने कहा, ‘तभी से मैंने एक ऐसा रिकॉर्ड हासिल करने का सपना देखा, जिसे तोड़ना मुश्किल होगा।’ उन्होंने कठिन सी. ए. परीक्षा पर अपना मन लगाया।

‘कंपनियां मुझे 16 साल की उम्र में लेने के लिए तैयार नहीं थीं’

नंदिनी अग्रवाल इतनी छोटी थीं कि उन्हें ट्रैनिंग करने में कठिनाई हुई। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि छोटी कंपनियां भी 16 साल की उम्र में मुझे लेने के लिए तैयार नहीं थीं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि, इस तरह की असफलताओं ने मुझे उनसे आगे निकलने के लिए और अधिक दृढ़ बना दिया।’

nandini agarwal of morena

भाई-बहनों को एक साथ टॉप करने की आदत

नंदिनी और उनके बड़े भाई सचिन विक्टर कॉन्वेंट स्कूल के पूर्व छात्र हैं। दोनों ने 2017 में 12वीं बोर्ड परीक्षा में संयुक्त रूप से मुरैना जिले में 94.5% अंक प्राप्त करके टॉप किया था। इस बारे में नंदिनी ने बताया कि उसके बड़े भाई उससे दो क्लास आगे थे, लेकिन उसने दो क्लास जम्प करके 10वीं की परीक्षा दी थी। इसके बाद हम दोनों एक ही क्लास में आ गए थे।

प्रतिद्वंद्विता के बजाय भाई ने किया बहन का समर्थन

नंदिनी ने कहा कि वास्तव में मेरे भाई ने मेरी सफलता में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, ‘अपने मॉक टेस्ट में मुझे खराब अंक मिलते थे। यह बहुत निराशाजनक था। मैं निराश महसूस करती और सोचती कि अगर मैंने मॉक परीक्षा में इतना खराब प्रदर्शन किया तो मैं वास्तविक परीक्षा में कैसे सफल होती। मेरे भाई के समर्थन ने जादू की तरह काम किया। नंदिनी ने कहा, ‘उन्होंने हमेशा मुझे प्रैक्टिस करते रहने और मॉक टेस्ट परिणामों के बारे में नहीं सोचने के लिए प्रोत्साहित किया था।’

सचिन ने कहा कि ‘नंदिनी ने हमेशा बहुत मेहनत की। उसने मुझे प्रेरित किया। उसे देखकर मैंने भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया। मुझे प्रोत्साहित करने का श्रेय नंदिनी को देना चाहिए।’ बता दें, उनके पिता नरेश चंद्र गुप्ता एक टैक्स प्रैक्टिशनर हैं, जबकि मां डिंपल गुप्ता एक गृहिणी हैं।
सबसे कम उम्र के पुरुष सीए का गिनीज रिकॉर्ड भी एक भारतीय के नाम है। ये लखनऊ के रामेंद्र चंद्र गांगुली है। गांगुली ने मई 1956 में 19 साल की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।

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