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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दावा किया है कि देवेगौड़ा ने ही पोते प्रज्वल को भेजा विदेश

बेंगलुरु
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने ही यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच अपने पोते प्रज्वल रेवन्ना को पिछले महीने जर्मनी भागने में मदद की थी। सिद्धारमैया का चौंकाने वाला बयान ऐसे समय में आया है जब जनता दल (सेक्यूलर) के संरक्षक एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने अपने पोते और पार्टी के निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना को कड़ी ‘चेतावनी’ जारी की और उससे देश लौट कर यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच का सामना करने को कहा है। सिद्धारमैया ने कहा, "मुझे लगता है कि देवेगौड़ा ने खुद प्रज्वल को भेजा था। अब उनके द्वारा लिखा गया पत्र केवल जनता की सहानुभूति के लिए है।"

एक दिन पहले देवेगौड़ा ने यह भी कहा कि जांच में उनके या परिवार के अन्य सदस्यों की तरफ से कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। प्रज्वल पर कई महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप है। वह अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कथित रूप से जर्मनी चला गया था। देवेगौड़ा ने उससे कहा कि वह भारत लौटे और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करे। जद (एस) प्रमुख ने दोहराया कि उनके पोते को "दोषी पाए जाने पर" कानून के तहत कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। देवेगौड़ा (92) ने एक बयान में कहा, “इस समय, मैं केवल एक ही काम कर सकता हूं कि मैं प्रज्वल को कड़ी चेतावनी दे सकता हूं और उससे कह सकता हूं कि वह जहां भी है वहां से भारत लौट आए और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दे, तथा कानूनी प्रक्रिया का सामना करे।” उन्होंने स्पष्ट किया, "जो मैं कर रहा हूं अपील नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी है जो मैं जारी कर रहा हूं।"

उन्होंने कहा, “यदि उसने इस चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया तो उसे मेरे और अपने परिवार के सभी सदस्यों के क्रोध का सामना करना पड़ेगा। कानून उसपर लगे आरोपों को देखेगा, लेकिन परिवार की बात न सुनने से उसका पूरी तरह से अलग-थलग होना तय हो जाएगा। अगर उसके मन में मेरे लिए कोई सम्मान बचा है तो उसे तुरंत लौटना होगा।” पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं यह भी स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि उसके खिलाफ जांच में मेरे या मेरे परिवार के सदस्यों की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाए। मेरे मन में इस संबंध में कोई भी भावना नहीं है, केवल उन लोगों के लिए न्याय का मुद्दा है जो उसके कथित कृत्यों और करतूतों से पीड़ित हुए हैं।” देवेगौड़ा ने बताया कि उन्होंने 18 मई को प्रज्वल रेवन्ना के बारे में मीडिया से बात की थी।

पिछले महीने में, सिद्धारमैया ने पीएम मोदी को कई पत्र लिखे हैं, जिसमें केंद्र से उसके राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करने का आग्रह किया गया है। इसी पासपोर्ट का इस्तेमाल उसने कथित तौर पर देश से भागने के लिए किया था। सिद्धारमैया ने कहा, "उसने देश से भागने और आपराधिक कार्यवाही से बचने के लिए अपने राजनयिक विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया है।" देवेगौड़ा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ''मेरे अनुसार, वह (देवेगौड़ा) ही थे जिन्होंने उसे (प्रज्वल को) विदेश भेजा था। उन्होंने दिखावे के लिए पत्र लिखा है।

कर्नाटक के हासन से 33 वर्षीय एनडीए उम्मीदवार ने निर्वाचन क्षेत्र में मतदान समाप्त होने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को देश छोड़ दिया था। प्रज्वल पर कई महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप है। बड़ी संख्या में अश्लील वीडियो सार्वजनिक होने के बाद से वह फरार है और विदेश में छुपा हुआ है। इन वीडियो में वह कथित तौर पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करता हुआ दिख रहा है। प्रज्वल के खिलाफ बलात्कार के दो मामले दर्ज हैं। उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है तथा इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस किया है।

 

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