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भारतीयों को सता रही बेरोजगारी और महंगाई की चिंता… सर्वेक्षण में सबसे निचले पायदान पर हम…

इम्पैक्ट डेस्क.

शहरी भारतीयों को बेरोजारी, भ्रष्टाचार, महंगाई और मुद्रास्फीति की चिंता सता रही है। इसका खुलासा IPSOS के ताजा सर्वेक्षण में हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दस में से दो शहरी भारतीय मुद्रास्फीति के बारे में चिंतित हैं। IPSOS के सर्वे ‘What Worries the World’ में कहा गया है कि मुद्रास्फीति के बारे में चिंतित 29 बाजारों में भारत सबसे निचले पायदान पर है। यह सर्वेक्षण अक्तूबर में किए गए सर्वे के निष्कर्षों पर आधारित है।

दुनिया के लिए मुद्रास्फीति सबसे बड़ी चिंता 
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में मुद्रास्फीति नागरिकों के बीच चिंता का प्रमुख कारण बनी हुई है और इसमें पिछले महीने दो प्रतिशत की वृद्धि भी हुई है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर नागरिक गरीबी, सामाजिक असमानता, बेरोजगारी, हिंसक अपराधों और वित्तीय व राजनीतिक भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर चिंता में दिखे। 

76 प्रतिशत का मानना भारत सही दिशा में 
रिपोर्ट में कहा गया है कि 76 फीसदी भारतीयों का मनाना है कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसमें सबसे आगे सऊदी अरब है। यहां के 93 प्रतिशत नागरिकों का मानना है कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि, सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर इप्सोस के सीईओ अमित अदारकर ने कहा, कोरोना महामारी के साथ ही साथ वैश्विक मंदी का प्रभाव भारत जैसे बाजारों में महसूस किया जा रहा है। यह नौकरियों को प्रभावित कर रहा है, जिससे भ्रष्टाचार, अपराध और सामाजिक असमानता में वृद्धि हो रही है।

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