Sunday, May 19, 2024
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भारत एनएफटी कंपनियों का तीसरा सबसे बड़ा देश बना… 11 कंपनियों ने बनाया मुख्यालय…

इम्पैक्ट डेस्क.

भारत में 11 नॉन फंजिबल टोकन (एनएफटी) कंपनियों ने अपने मुख्यालय स्थापित किए हैं, अमेरिका और सिंगापुर के बाद विश्व में तीसरे नंबर पर आ चुका है। विश्व में ऐसी करीब 220 कंपनियां इस समय हैं। यह दावा करते हुए एनएफटी क्लब नामक कंपनी ने गूगल सर्च डाटा का उपयोग कर बताया कि हालांकि अभी एनएफटी के बारे में सर्च करने में भारतीय 50वें नंबर पर हैं।

भारत में करीब 1.40 करोड़ की आबादी में से 35,70,630 लोगों ने एनएफटी को सर्च किया। दूसरी ओर ताइवान में हर एक लाख लोगों में 9,629 और ऑस्ट्रेलिया में 8,198 लोग एनएफटी के बारे में सर्च कर रहे हैं, जो विश्व में सर्वाधिक है। इन आंकड़ों से माना जा रहा है कि भले ही कंपनियां भारत में काम करना फायदेमंद मान रही हैं, लेकिन इस नए तकनीकी निवेश के जोखिम व खतरों को देखते हुए भारतीयों में बहुत उत्साह या जिज्ञासा नहीं है।

अमिताभ और सलमान भी उतर रहे इस क्षेत्र में
देश में कई नए स्टार्टअप भी बन रहे हैं। इस समय 86 स्टार्टअप एनएफटी पर काम कर रहे हैं, इनमें से 71 केवल 2021 में बने।

  • दूसरी ओर अमिताभ बच्चन से लेकर सलमान खान जैसे फिल्मी कलाकार, कई क्रिकेटर, गायक आदि भी एनएफटी के क्षेत्र में उतर रहे हैं।
  • वे अपनी फिल्मों, संगीत, आदि के एनएफटी 5 हजार से लेकर लाखों रुपये में बेच रहे हैं।
  • यह भी एक वजह है कि कंपनी हेडक्वार्टर्स के मामले में विश्व के टॉप 50 देशों में भारत तीसरे नंबर पर है।

एनएफटी को ऐसे समझें
नॉन फंजिबल टोकन यानी किसी कलाकृति, ट्वीट, मीम, संगीत, तस्वीर, वीडियो, ग्राफिक, ऑनलाइन गेम कैरेक्टर आदि का डिजिटल रूप। तकनीकी तौर पर कहें तो जो भी चीज डिजिटल रूप ढल सकती है, एनएफटी बन सकती है। इन्हें डिजिटल फाइन आर्ट भी कहा जाने लगा है। इनके मूल रूप कॉपी नहीं होते।

कॉपी से बचाने के लिए ब्लॉकचेन और खरीद-फरोख्त क्रिप्टो में
एनएफटी ज्यादातर इथेरियम ब्लॉकचेन में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खरीदे-बेचे जा रहे हैं। इथेरियम वही क्रिप्टोकरेंसी है जो पिछले 6 महीने में 46 सौ डॉलर से घटकर करीब 2 हजार डॉलर की रह गई है। ब्लॉकचेन में एनएफटी की सूचनाएं स्टोर होती हैं। इसी में एनएफटी के मालिकाना हक, उसे बनाने-बेचने की जानकारी होती है। इसे खरीदने वाले निवेश की तरह देखते हैं, बहुत कुछ किसी पेंटिंग की तरह।

खतरे व जोखिम भी
बेशक एनएफटी खरीदने वाले के मालिकाना हक मिलता है, लेकिन कानूनी हक अभी स्पष्ट नहीं हैं। उसकी मृत्यु पर एनएफटी पैतृक संपत्ति कैसे मानी जाए? बंटवारा कैसे हो? यह प्रश्न सुलझाए जाने बाकी हैं। 2020 में 8.20 करोड़ डॉलर का सेक्टर 2021 में 1,700 करोड़ डॉलर पहुंच चुका है।

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