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प्रदर्शनकारी किसानों के मामले को लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई, प्रदर्शनकारी किसानों को दी नसीहत

नई दिल्ली  
प्रदर्शनकारी किसानों के मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान एचसी ने कहा कि हाईवे पर ट्रैक्टर और ट्रॉली लेकर नहीं जा सकते हैं। अदालत ने इस लेकर मोटर वीकल ऐक्ट का हवाला दिया है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया कि बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा न होने दें। एचसी की ओर से कहा गया कि अधिकारों की बात तो सभी करते हैं, लेकिन संवैधानिक कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए। किसान आंदोलन को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, 'आप ट्राली में सवार होकर अमृतसर से दिल्ली के लिए जा रहे हैं। हर किसी को आपके मौलिक अधिकारों के बारे में जानकारी है, मगर कुछ संवैधानिक कर्तव्य भी हैं जिनका पालन किया जाना चाहिए।'

अदालत ने मंगलवार को कहा कि उन्हें (किसानों) प्रदर्शन करने का अधिकार है, मगर कुछ जरूरी पाबंदियों का भी पालन होना चाहिए। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि प्रदर्शनकारी किसानों की मांग को लेकर बैठकें हुई हैं। इस पर एचसी ने केंद्र सरकार को एक नया हलफनामा दायर करने का आदेश दिया, जिसमें यह बताया गया हो कि मीटिंग्स से क्या निकलकर सामने आया है। अब इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी।

किसानों ने 5 साल MSP वाला प्रस्ताव ठुकराया
वहीं, किसान नेताओं ने 5 साल के लिए सरकारी एजेंसियों की ओर से एमएसपी पर दालों, मक्का और कपास की खरीद के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इनका कहना था कि केंद्र का प्रस्ताव किसानों के पक्ष में नहीं है। रविवार को किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां 5 साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी। अब किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केंद्र से फसलों के लिए MSP पर कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित किसानों की अन्य मांगों को स्वीकार करने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह बुधवार को दिल्ली जाएंगे।

 

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