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पतंग उड़ाने पर लग सकता है 10 लाख का जुर्माना और हो सकती है 2 साल जेल… भारतीय कानून के अनुसार पतंग उड़ाने के लिए विशेष लाइसेंस करना होता है प्राप्त…

इंपेक्ट डेस्क.

अगर आप या आपके परिवार में से कोई भी पतंग उड़ाते हैं तो यह अहम जानकारी जरूर पढ़ लीजिए, वरना आपको, दोस्तों और परिवारजनों को पतंग उड़ाना महंगी पड़ सकती है। खुले आकाश तले, मन के बादलों को छू लेने वाली रंग-बिरंगी पतंग को उड़ाना किसे अच्छा नहीं लगता होगा, लेकिन यह शौक आप पर भारी भी पड़ सकता है। मनमर्जी के अनुसार पतंग उड़ाना आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है।

इतना ही नहीं पतंग उड़ाने के कारण आपको लाखों का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। मकर संक्रांति के दिन भी इसकी छूट नहीं है। क्योंकि, देश में पतंग उड़ाना गैर-कानूनी है। हम भारत की ही बात कर रहे हैं। हमारे देश में पतंगबाजी करना न केवल गैर-कानूनी बल्कि ऐसा करने पर दो साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान भी है। यह हास्यास्पद तो है लेकिन 100 फीसदी सच है। इसके लिए देश में कानून भी बना हुआ है। 

इस कानून पर उठते रहे हैं सवाल 

यह अविश्वसनीय लगता है कि इस तरह के एक सामान्य शौक को पूरा करने के चक्कर में आप कानून तोड़ रहे होते हैं। जिसका परिणाम जेल की सजा हो सकती है और भारी-भरकम जुर्माना भी। ऐसे कानून के पीछे क्या तर्क हो सकता है और क्या इस कानून का कोई औचित्य है। ऐसे में सवाल उठता है कि कानून को क्यों बरकरार रखा गया है। इस कानून को बदला क्यों नहीं गया है। हालांकि, कानून के प्रावधान विभिन्न क्षेत्रों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं। 

क्या भारत में पतंग उड़ाना अवैध है?

जी, हां। भारत में पतंगबाजी करना गैर-कानूनी है। ऐसा देश में लागू इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934  के कारण है। इस कानून में देश में पतंग और गुब्बारे आदि उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। 1934 के भारतीय विमान अधिनियम के अनुसार भारत में पतंग उड़ाना अवैध है, जिसे 2008 में संशोधित किया गया था। धारा 11 अपराधियों को दो साल की कैद, 10 लाख रुपये का जुर्माना या जेल और जुर्माना देने की अनुमति देती है। हालांकि, पतंगबाजी के शौकीन लोगों के लिए लाइसेंस का प्रावधान भी किया गया है। इस लाइसेंस के प्राप्त होने पर पतंग उड़ाने की अनुमति है।

1934 का भारतीय विमान अधिनियम क्या कहता है?

1934 के भारतीय विमान अधिनियम यानी इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 की धारा 11 में कहा गया है कि जो कोई भी जानबूझकर एक विमान को इस तरह से उड़ाता है जिससे किसी व्यक्ति को या जमीन या पानी या हवा में किसी भी संपत्ति को खतरा हो, उसे एक वर्ष की अवधि के लिए कारावास की सजा दी जा सकती है। इसे एक साल तक और बढ़ाया जा सकता है यानी दो साल जेल, या जुर्माना जो 10 लाख रुपये तक हो सकता है, या दोनों दंड साथ में दिए जा सकते हैं। इस अधिनियम को 2008 में बरकरार रखा गया था और स्वीकार्य जेल समय और जुर्माने की राशि में वृद्धि के साथ संशोधित किया गया था।

क्या पतंग को विमान माना जा सकता है?

इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के अनुसार, एक विमान कोई भी मशीन या ऐसा उपकरण होता है जो वायुमंडलीय दबाव द्वारा समर्थित होता है। इसमें फिक्स्ड और फ्री गुब्बारे, ग्लाइडर, पतंग, एयरशिप और फ्लाइंग मशीन आदि शामिल हैं। इस श्रेणी में हम ड्रोन और लालटेन को भी शामिल कर सकते हैं। हालांकि, इस कानून का अमल कहां और किस प्रकार से किया जा रहा है, इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। क्योंकि पतंग तो सभी उड़ाते हैं, लेकिन सबको तो जेल में नहीं डाला जाता।

पतंग उड़ाने का लाइसेंस कैसे प्राप्त करें?

भारतीय कानून के अनुसार, देश में पतंग उड़ाने के लिए आपको एक विशेष लाइसेंस प्राप्त करना होता है। इसे लेकर थोड़ी उलझन है। क्योंकि कुछ राज्यों और शहरों में लाइसेंस स्थानीय पुलिस थाने से प्राप्त किया जा सकता है तो कुछ जगह केवल भारतीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण से प्राप्त किया जा सकता है। देश में जब भी कोई बड़े स्तर पर पतंग महोत्सव, बैलून फेस्टिवल, हॉट एयर बैलून फेस्टिवल और ग्लाइडर उड़ाने से जुड़े कार्यक्रम होते हैं तो इसके लिए स्थानीय पुलिस थाने, प्रशासन और भारतीय नागरिक उड्डयन प्राधिकरण से भी अनुमति लेनी होती है।

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