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कर्मचारियों की जीत : आखिरकार अमेजन कंपनी में भी बनेगी ट्रेड यूनियन, बहुमत से प्रस्ताव पास…

इंपैक्ट डेस्क.

वॉशिंगटन, 3 अप्रैल। दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में एक अमेजन के सामने अब एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। अपने यहां मजदूर यूनियन बनने से रोकने की उसकी वर्षों पुरानी कोशिश आखिरकार नाकम हो गई है। अमेरिका में स्टेटेन आइलैंड स्थित अमेजन के वेयरहाउस के कर्मचारियों ने यूनियन बनाने संबंधी प्रस्ताव को बड़े बहुमत से पारित कर दिया है। इसके पहले अमेजन की जिस किसी इकाई में ऐसी कोशिश हुई, कंपनी उसे नाकाम करने में सफल रही। आरोप है कि कई जगहों पर कंपनी ने इसके लिए करोड़ डॉलर खर्च किए और विवादास्पद कदम उठाए।

अमेरिका में यूनियन बनाने के प्रस्ताव पर कारखानों में मतदान कराया जाता है। 1980 के बाद से चलन यूनियनों के कमजोर होने का रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से फिर से यूनियन बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैँ। इनमें कई जगहों पर कर्मचारियों को सफलता हाथ लगी है। उसी में अब स्टेटेन आईलैंड का अमेजन का वेयरहाउस भी शामिल हो गया है। वहां हुए मतदान में 2,654 कर्मचारियों ने यूनियन बनाने के पक्ष में मतदान किया। जबकि 2,121 कर्मचारियों ने इसका विरोध किया। वहां कुल 8,325 मतदाता थे।

श्रमिक अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों और अमेरिका के सरकारी नेशनल लेबर रिलेश्न्स बोर्ड (एनएलआरबी) का आरोप है कि अमेजन कंपनी मजदूर विरोधी तरीके अपनाती है। स्टेटेन आइलैंड में क्रिश्चियन स्मॉल्स नाम के एक कर्मचारी को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया था। स्मॉल्स ने ही यूनियन बनाने की पहल की। उन्होंने इसका नाम अमेजन लेबर यूनियन रखा था। लेकिन अब तक इसे कानूनी मान्यता नहीं थी। मतदान का नतीजा आने के बाद एक ट्विट में स्मॉल्स ने कहा- ‘बधाई, हमने इतिहास बना दिया है।’

लेकिन अमेजन कंपनी ने एक बयान कहा कि उसे इस नतीजे से मायूसी हुई है। कंपनी ने कहा- हम मानते हैं कि कंपनी से प्रत्यक्ष संबंध रखना कर्मचारियों के हित में है। कंपनी ने कहा- ‘हम अपने अगले विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। इनमें अपनी आपत्तियां दायर कराना भी शामिल है। एनएलआरबी और अन्य पक्षों (नेशनल रिटेल फेडरेशन और यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स) ने नतीजे को प्रभावित करने के लिए अनुचित तरीके अपनाए, जिन पर आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है।’

ह्वाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने शुक्रवार रात अपने बयान में कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन इस घटना से बहुत खुश हैं। कर्मचारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि कार्यस्थलों पर लिए जाने वाले महत्त्वपूर्ण फैसलों में उनकी बात को सम्मान के साथ सुना जाए। साकी ने कहा- ‘राष्ट्रपति का यह दृढ़ विश्वास है कि हर राज्य में हर कर्मचारी के पास यह तय करने का स्वतंत्र और निष्पक्ष अधिकार होना चाहिए कि वह यूनियन में शामिल हो या नहीं और कंपनी मालिक के साथ सामूहिक सौदेबाजी में वह भाग ले या नहीं।’

इसके पहले पिछले साल अलाबामा राज्य के बेसमेर में अमेजन कंपनी में यूनियन बनाने के सवाल पर मतदान हुआ था। वह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। लेकिन एनएलआरबी ने इस निर्णय को स्वीकार नहीं किया। उसने आरोप लगाया कि अमेजन ने मतदान को प्रभावित करने के लिए अनुचित ढंग से हस्तक्षेप किया था। यह मामला अभी अदालत में है।

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