BeureucrateBreaking NewsState News

ईडी ने दी पहली खबर… 6.5 करोड़ नगद और 4 किलो सोना चार दिन का हासिल… रानू साहू के बंगले में कोना-कोना खंगाला…

Getting your Trinity Audio player ready...

इम्पेक्ट न्यूज़। रायपुर।

अंततः ईडी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। कोरबा और रायगढ़ में मिशन कोल स्केम के तहत ईडी ने शाम क़रीब सात बजे चार दिन का हासिल बता दिया है। अपने अधिकृत ट्विटर अकाउंट से ईडी ने साढ़े छह करोड़ रुपये ज़ब्त करने की जानकारी दे दी है।

इससे पहले गुरुवार सुबह ईडी का दस्ता सीआरपीएफ के जवानों के साथ सीधे कोरबा कलेक्टोरेट पहुंचा। यहा करीब 30 घंटे तक तलाशी अभियान चलता रहा। इसके बाद टीम रायगढ़ कलेक्टर के सरकारी बंगले पहुँची वहां शाम पाँच बजे सील तोड़ने के बाद करीब सात बजे ऑपरेशन कोल स्केम का खुलासा करते ईडी ने ट्वीट किया। बताया जा रहा है कि बंगले का कोना कोना खंगाला गया।

जिससे अब काफी हद तक धुंध छंटता दिख रहा है। ईडी के मुताबिक़ इस ऑपरेशन में कुल जमा एक आईएएस अफसर समीर विश्नोई के साथ तीन व्यापारी हाथ आए हैं।

इन चारों को गुरुवार को विशेष न्यायाधीश अजय सिंह की कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 8 दिन की रिमांड पर ईडी को सौंप दिया गया। ट्वीट में इसका भी ज़िक्र करते नगद राशि को दिखाया गया है। जो तस्वीरें दिल्ली में सूत्रों के हवाले से ईडी लीक करवा रही थी वहीं तस्वीर ट्वीट का हिस्सा हैं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आक्रामकता का यह नतीजा रहा कि ईडी को अपनी स्थिति साफ करने की नौबत आ गई। ईडी पर सीएम भूपेश ने गंभीर आरोप लगाए थे कि वह सूत्रों के हवाले से दिल्ली में सुनियोजित तरीक़े से तस्वीरें और एक-एक लाइन की ख़बरें जारी करवा रही थी यह भी ट्वीट से प्रमाणित होता दिख गया।

संभव है ईडी के ट्वीट से पूर्व सीएम डा. रमन का दांव उल्टा पड़ जाए। क्योंकि ईडी के खुलासे से पहले रमन ने जल्दबाज़ी में जो बयान दे दिया उसका राजनीतिक लाभ अब भूपेश को मिल सकता है।

इधर आरोप पत्र में ईडी ने अलग ही कहानी बताने की कोशिश की है। इस कहानी के काग़ज़ी प्रमाण कच्चा चिट्ठा जैसे हैं। अनुमान सूचक शब्दों के सहारे ईडी ने राजनैतिक आचरण को संदेह के घेरे में दिखाने की कोशिश की है। इस कहानी के कितने पुर्ज़े पुख़्ता प्रमाण बन सकेंगे यह कहना फ़िलहाल कठिन है। सबसे बड़ी बात यही है कि हिंमाचल और गुजरात चुनाव से पहले कांग्रेस के फ़िलहाल सबसे मज़बूत किले को हिलाने और चुनावी तंत्र को तहस नहस करने की कोशिश आरोप पत्र में झलक रही है।

एक बात और रानू साहू को लेकर जिस तरह की घेराबंदी ईडी ने की उससे साफ़ है कि ईडी आयकर के छापे में मिले किसी 500 करोड़ के पुर्जे का प्रमाण ज़मीन पर तलाश रही थी। सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ कार्रवाई तय है पर यह भी जब तक नगद का माकूल हिसाब नहीं मिल जाता तब तक कुछ ज़्यादा नुक़सान होगा इसमें संशय है।

error: Content is protected !!