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बस्तर के सपनों का कारखाना नगरनार का विनिवेशीकरण करना गलत…विरोध में हरीश कवासी निकालेंगे पदयात्रा…


इम्पेक्ट न्यूज. सुकमा। 


बस्तर के लोगो ने सपना देखा था कि नगरनार प्लांट का सरकारीकरण होगा और उनके बच्चों को नौकरी मिलेगी लेकिन केन्द्र सरकार ने विनिवेशीकरण का फैसला लिया है जो गलत है। क्योंकि बस्तर में खनिज संपदा भरपूर होने के बावजूद यहां के लोगो को उच्च शिक्षा, बेहत स्वास्थ्य का लाभ नहीं मिलता है। हमारे लोगो ने यह सोच कर जमीन दी थी कि हमारे इलाके का विकास होगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। इस फैसले के विरोध में जनजागरण अभियान चलाया जाऐंगा। आगामी 5 सितंबर से पदयात्रा निकाली जाऐंगी। जो 10 सितंबर को खत्म होगी। उक्त बाते जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी ने कही। 

फ़ोटो- पत्रकारों से चर्चा करते हुए।


जिला मुख्यालय स्थित विश्राम गृह में पत्रकारों से चर्चा करते हुए जिला पंचायत हरीश कवासी ने कहा कि बस्तर के सपनों का कारखाना नगरनार स्टील प्लांट का विनिवेशीकरण केन्द्र सरकार ने करने का फैसला लिया है जो बस्तर के हित में नही है। इस प्लांट के लिए करीब ढाई हजार एकड जमीन दी जा चुकी है। जिसमें आदिवासियों की 870 एकड़ जमीन है। ेनगरनार क्षेत्र के लोगो ने 2001 में ग्राम सभाएं आयोजित कर एनएमडीसी को स्टील प्लांट लगाने के लिए जमीन दी थी। वहां पर एनएमडीसी का प्लांट भी तैयार है। ऐसे में जब स्टील प्लांट से उत्पान शुरू करने की दिशा में काम चल रहा है तो इसके विनिवेशीकरण के नाम पर इसे निजी क्षेत्र को बेचने की चर्चा शुरू हो गई है। जिसको लेकर जनजागरण अभियान करने का फैसला लिया गया है। 5 सितंबर को सुकमा जिले के रामाराम मंदिर से पदयात्रा शुरू करेंगेें जो विभिन्न गांवों से होते हुए 10 सितंबर को नगरनार में खत्म होगी। इस दौरान कोविड19 के निर्देशों का पालन किया जाऐंगा। इस दौरान राजू साहू, तुलाराम कश्यप, मुन्ना कश्यप, जगरा वेंजाम, तुलाराम सेठिया, मधु निषाद, मनीष बघेल, वेल्लु दुल्ला, कोसाराम, डमरू, समीर, शेख गुलाम, हरी समेत काफी संख्या मे कांग्रेसी कार्यकर्ता मौजूद थे। 

ऐसा रहेगा पदयात्रा का रूट 
पदयात्रा रामाराम मंदिर से 5 सितंबर शनिवार को दोपहर 12 बजे प्रस्थान होगी। और रोकेल में रात्रि विश्राम होगा। उसके बाद 6 सितंबर को रोकेल से निकलकर तोंगपाल में रात्रि विश्राम होगा। वही 7 सिंतबर को तोंगपा से रवाना होकर दरभा में रात्रि विश्राम के बाद 8 सितंबर को डिमरापाल पहुंचेगी। वही 9 सितंबर को डिमरापाल से निकलकर आड़ावाल में रात्रि विश्राम होगा। उसके बाद 10 को नगरनार में विरोध प्रदर्शन के साथ पदयात्रा की समाप्त होगी। 

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