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CG : परिवहन विभाग लगाएगा भारी वाहनों की गति में ब्रेक, वाहन नाम की एक सॉफ्टवेयर का होगा उपयोग…

Impact desk.

परिवहन विभाग भारी वाहनों में गति नियंत्रक उपकरण (स्पीड लिमिट डिवाइस) लगाने की शुरुआत करने जा रहा है। उपकरण लगने के बाद भारी वाहनों की स्पीड लिमिट तय हो जाएगी। वाहन चालक चाहकर भी वाहन की गति को रफ्तार नहीं दे सकेगा। उपकरण न लगाने वाले भारी वाहनों का फिटनेस जारी नहीं किया जाएगा।

इसके बाद भी यदि भारी वाहन बिना उपकरण के सड़क पर परिवहन करते पकड़े गए तो चालानी कार्रवाई के साथ-साथ वाहन का रजिस्ट्रेशन भी रद कर दिया जाएगा। इससे सड़क होने वाले हादसों पर अंकुश लगेगा। परिवहन विभाग का कहना है कि गति नियंत्रक उपकरण जल्द ही भारी वाहनों में लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि प्रदेश में तकरीबन 60 लाख छोटे-बड़े वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं।

इनमें बहुत सारी बसों और ट्रकों में गति नियंत्रक उपकरण नहीं लगा है, जबकि नियम है कि भारी वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य है, लेकिन वाहन चालक फिटनेस के दौरान स्पीड गवर्नर का फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर आरटीओ कार्यालय में जमा करते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते वाहनों की जांच नहीं होती और फिटनेस प्रमाण पत्र आसानी से जारी हो जाता था।

बिना स्पीड गर्वनर के फर्राटे भर रहे भारी वाहनों से अक्सर सड़क हादसे हो रहे हैं। प्रदेश भर में एक साल में करीब पांच हजार लोग सड़क हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं। इस पर कंट्रोल करने के लिए परिवहन विभाग ने वाहनों में गति नियंत्रण उपकरण लगाना अनिवार्य कर दिया है।

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