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CG : टिकट कन्फर्मेशन पर बोले विधायक… टीएस सिंहदेव अकेले नहीं, हाईकमान से तय होगा…

इम्पैक्ट डेस्क.

सरगुजा संभाग में टिकट वितरण को लेकर प्रत्याशियों का चयन दिल्ली हाई कमान करेगी। टीएस सिंहदेव प्रत्याशी चयन के लिए अकेले नहीं हैं। स्क्रीनिंग कमेटी में 18 से 20 सदस्य हैं। स्क्रीनिंग कमेटी के मेंबर उम्मीदवारों की सूची बनाकर हाई कमान को सौंपेंगे, जिस पर हाई कमान की मुहर लगेगी।

रामानुजगंज से रायपुर के लिए निकले बृहस्पति सिंह ने अंबिकापुर सर्किट हाउस में पत्रकारों से चर्चा के दौरान डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव द्वारा उन्हें लेकर राजपुर के कार्यक्रम में दिए गए बयान को लेकर कहा कि आदरणीय महाराज साहब बहुत विद्वान हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी वे हमारे राजा महाराजा रहे हैं। हम उनकी प्रजा हैं। वे जो भी बोलते हैं, बहुत सोच समझकर बोलते हैं। उन्होंने जो भी बोला होगा, सोच समझकर बोला होगा, इसका जवाब वे ही देंगे।

आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने की जवाबदेही उनकी है। वे जो भी बोले होंगे, सोच समझकर बोले होंगे। महाराज साहब अकेले नहीं है। स्क्रीनिंग कमेटी में 18-20 मेंबर हैं। इसमें प्रदेश के प्रभारी सहित कई मंत्री हैं। हमारी प्रक्रिया है कि सारी सूची बनकर दिल्ली जाती है। हमारी प्रक्रिया है कि जो भी निर्णय हो, सभी को सर्वमान्य होता है, चाहे मंत्री हों, मुख्यमंत्री हों, कार्यकर्ता हों।

डॉ. अजय तिर्की की दावेदारी पर बोले, सभी को टिकट मांगने का हक
विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा कि सभी नेताओं को कांग्रेस से टिकट मांगने का हक है। हाईकमान को तय करना है कि किसे कहां से जीताकर लाना है। महापौर डॉ. तिर्की मेरे मित्र हैं। मेरी जानकारी में वे तीन-चार चुनाव से दावेदारी कर रहे हैं। दावेदारी करना एक पदाधिकारी, कार्यकर्ता होने के नाते उनका हक है।

टीएस ने क्या कहा था
तीन दिनों पूर्व राजपुर में आयोजित कार्यक्रम में टीएस सिंहदेव ने कहा था कि मुझे जितना गरियाना है गरिया लो, लेकिन महाराज साहब, महारानी साहिबा को सार्वजनिक मंच से कोई कुछ भी बोलेगा तो समझौता नहीं हो सकता। घर में जो बोलना है बोलिए, लेकिन मंच से दोनों के बारे में कुछ भी बोलेंगे तो मेरी तरफ से समझौता नहीं होगा। आज तक व्यक्तिगत तौर पर कई लोगों ने क्या किया, लेकिन मैंने कभी कुछ नहीं किया। मैंने उसे राजनीति के क्षेत्र में नहीं आने दिया। 

लेकिन आज छत्तीसगढ़ में एक ऐसी घटना घटी है। जिसमें सीमा पार कर किसी ने मेरे उपर आरोप लगाया। जान के खतरे का आरोप लगाया है। वहां समझाता नहीं हो सकता। आगे क्या होगा वो पब्लिक जाने, पार्टी जाने, लेकिन मेरी तरफ से समझौता नहीं हो सकता।

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