District Durg

CG : इस शहर में कुत्तों का आतंक… नसबंदी के बाद बाैखलाए कुत्तों ने एक महीने में 250 को काटा…

इंपैक्ट डेस्क.

दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में इन दिनों कुत्तों का आतंक लोगों को परेशान कर रहा है. पिछले एक महीने से लगभग हर दिन कोई न कोई डॉग बाइट का शिकार हो रहा है. शासकीय अस्पतालों में पहुंचे मामलों के मुताबिक एक महीने में 250 से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा है. इनमें से ज्यादातर बच्चे ही हैं. बच्चों को कुत्ते दौड़ा-दौड़ाकर काट रहे हैं. इसकी शिकायत भी नगर निगम व भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन से की गई है, जिसके बाद कुत्तों की धर-पकड़ भी की जा रही है. लगातार डॉग बाइट के मामले आने से लोगों की बच्चों को लेकर चिंता बढ़ गई है.

गदा चौक, सुपेला भिलाई के रहने वाले गोपी नायक ने बताया कि तीन दिन पहले वे शाम करीब चार बजे निजी काम से घर से बाहर निकले. घर से थोड़ी दूर ही पहुंचे थे कि एक कुत्ते ने काटने के लिए उन्हें दौड़ाया. वे तेजी से भागकर अंदर आ गए. दरवाजे पर खड़े होकर देखा तो साइकिल से जा रहे एक बच्चे को उसी कुत्ते ने काट लिया. बाद में पता चला कि वही कुत्ता सुबह से लोगों को परेशान कर रहा है. संतोषी पारा कैंप-2 के रहने वाले कुलेश्वर यादव को भी बीते 1 अप्रैल की दोपहर में कुत्ते ने काट लिया. वे घर के पास ही एक किराना दुकान में सामान लेने गए थे.

नसबंदी से बौखलाए कुत्ते
मिली जानकारी के मुताबिक भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन और नगर पालिक निगम भिलाई शहर के आवारा कुत्तों का बधियाकरण करा रहा है. बताया जा रहा है कि बधियाकरण के बाद कुत्ते ज्यादा आक्रोशित हो जा रहा हैं. इसके बाद वे लोगों को शिकार बना रहे हैं. सुपेला सिविल अस्पताल के मुताबिक पिछले एक महीने से हर दिन औसतन 8 से 10 डॉग बाइट के केस आ रहे हैं. इनमें ज्यादातर बच्चे हैं. भिलाई इस्पता संयंत्र प्रबंधन और नगर निगम भिलाई कुत्तों की धरपकड़ के बाद उन्हें दूर छोड़ने का दावा करता है, लेकिन डॉग बाइट के मामले सामने आने के बाद दावों पर सवाल उठ रहे हैं.

इलाज में लापरवाही न करें
सिविल अस्पताल सुपेला के प्रभाारी डॉक्टर पीयाम सिंह ने मीडिया को बताया कि पिछले एक महीने से यहां लगातार डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. आक्रोशित कुत्ते बच्चों को ज्यादा शिकार बना रहे हैं. डॉग बाइट होने पर इलाज में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें. डॉक्टर की सलाह पर जरूरी इंजेक्शन व दवाइयां लें. इसके इलाज में लापरवाही भविष्य में नुकसान दायक हो सकती है.

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