CG : 177 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों में से 99 केंद्र हो गए बंद… नहीं मिल रही कई दवाइयां…
इंपैक्ट डेस्क. रायपुर।
वर्तमान में दवाइयां सोने से भी महंगी हो गई हैं, जो गरीब के लिए आसमान छूने से कम नहीं है। गरीबों को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र योजना 2016 में शुरू की थी। पूरे छत्तीसगढ़ में 177 जन औषधि केंद्र खोले गए, जहां 50 प्रतिशत से भी ज्यादा छूट पर 1300 से ज्यादा दवाइयां मिलती थीं। दवाइयों से हजारों गरीबों को इलाज मिला। लेकिन अब इस योजना को जैसे नजर ही लग गई है। योजना के तहत खुले सेंटर 177 से 78 रह गए हैं और इन केंद्रों पर मिलने वाली 1300 दवाइयों में से अब सिर्फ 580 प्रकार की दवाइयां ही अवेलेवल हो पा रही हैं। हालांकि राज्य के लोगों के लिए प्रदेश सरकार ने धनवंतरी योजना शुरू की है। इसके तहत खुले सेंटरों पर दवाइयां कम कीमत पर मिलती हैं। लेकिन जन औषधि केंद्र के छत्तीसगढ़ प्रभारी अनीश का मानना है कि धनवंतरी सेंटर से भी कम कीमत पर जन औषधि केंद्र पर दवाइयां मिलती हैं। इसलिये जन औषधि केंद्र खोलने के लिए प्रोपर जगह मिलनी चाहिए।
इधर लगातार बंद हो रही प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है भाजपा ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार दुर्भावनावश फैसले ले रही है। जिसका नुकसान छत्तीसगढ़ के आम लोगों को हो रहा है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि केंद्र की योजनाएं केवल किताबी हैं असली लाभ राज्य की योजनाओं से ही है।
लगातार बंद होते जन औषधि केंद्र चिंता का विषय हैं। ये जनता को सीधे तौर पर मदद करते हैं। इन्हे बढ़ावा देना हर सरकार में जरूरी है फिर चाहे वो किसी की भी सरकार हो। हां ये जरूर है कि दूसरी योजनाओं के जरिये भी जनता को लाभ मिलता है तो कोई बुराई नहीं। लेकिन जन औषधि केंद्र बंद हुए तो नुकसान प्रदेश की जनता का ही होगा और लोग ही स्वस्थ नहीं रहेंगे तो प्रदेश के विकास में अपने आप बाधा पैदा होगी।