District bilaspur

CG : दहेज प्रताड़ना मामले गिरफ्तारी करने वाले जांच अधिकारी को हाई कोर्ट का नोटिस…

इंपैक्ट डेस्क.

बिलासपुर. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किए बिना पुलिस अधिकारियों ने गिरफ्तारी कर जेल भेजा. हाई कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए थाना प्रभारी और जांच अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल याचिकाकर्ता दीपक त्रिपाठी व उनके परिवार के खिलाफ 28 जनवरी 2021 को महिला थाना में 498 A के तहत अपराध दर्ज कराया गया. उन्हें 29 जनवरी 2021 को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर दिया गया. जिला कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन हुआ है या नहीं इस पर टिप्पणी न करते हुए जमानत आवेदन को निरस्त कर उन्हें जेल भेज दिया.

विवेचना के बाद चालान प्रस्तुत किया गया. इसको पढ़ने पर पता चला कि विवेचना अधिकारियों द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41(ए) का पालन नहीं किया गया है. इस पर दीपक त्रिपाठी ने हाई कोर्ट के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना संबंधित याचिका प्रस्तुत की. इसमें बताया कि 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने अरुणेश विरुद्ध बिहार राज्य में पारित आदेश में कहा है कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अगर 7 साल तक की सजा वाले अपराध का प्रथम सूचना पत्र जमा किए हैं तो गिरफ्तारी से पहले दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41(ए) के तहत नोटिस जारी किया जाना चाहिए. लेकिन जांच अधिकारी ने कार्रवाई से पहले ऐसा नहीं किया. इसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ा.

कोर्ट ने जारी किया नोटिस
अधिवक्ता टीके तिवारी ने बताया कि नोटिस के जवाब के बाद ही आगे की कार्रवाई होनी चाहिए. इसका पालन नहीं होने पर संबंधित विवेचना अधिकारी के खिलाफ हाई कोर्ट में अवमानना संबंधित कार्रवाई की जाएगी. इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी प्रभा राव, जांच अधिकारी मोहिनी साहू को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले की चर्चा खूब हो रही है. कोर्ट के नोटिस पर अब जांच अधिकारी को जवाब देना है.

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