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CG : भारत नेट परियोजना में देरी पर सरकार ने ठेका लेने वाली कंपनी को दिया नोटिस, मांगा जबाव…

इम्पैक्ट डेस्क.

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य विधानसभा में बताया कि भारत नेट परियोजना के तहत काम पूरा करने के लिए एक निजी फर्म को दिया गया समय छह बार बढ़ाया गया है और इस देरी के लिए कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 

भूपेश बघेल ने दिया जबाव
भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दूसरे चरण के तहत 5,987 ग्राम पंचायतों को एक साल के भीतर ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के लिए ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा जाना था। मुख्यमंत्री ने उत्तर में कहा कि टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को 18 जुलाई, 2018 को काम आवंटित किया गया था। इस साल 31 मई तक, 5,036 ग्राम पंचायतों में काम पूरा हो चुका है, जबकि शेष 951 को कवर करने के लिए एक वर्ष की समय सीमा निर्धारित की गई है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए दिया गया समय छह बार बढ़ाया गया था और एजेंसी को निर्धारित समय के भीतर लक्ष्य पूरा नहीं करने के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया, उन्होंने कहा कि कार्रवाई प्रक्रिया में है। इस साल 31 मई तक, परियोजना में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 2,464.14 करोड़ रुपये थी, जबकि राज्य की हिस्सेदारी 112.82 करोड़ थी।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में छत्तीसगढ़ में करीब 4,000 पंचायतों को शामिल किया गया है। बता दें कि भारत नेट परियोजना ग्राम पंचायतों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने के लिए विकसित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि फेज-2 के तहत, वन विभाग से आवश्यक राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) मंजूरी लंबित होने के कारण आरक्षित वन क्षेत्रों में स्थित गांवों में ज्यादातर ऑप्टिकल फाइबर लाइनें नहीं बिछाई जा सकीं। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य के वन विभाग ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को पत्र लिखकर इस संबंध में मार्गदर्शन मांगा है।

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